- योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य
- सूक्ष्म सिंचाई/ड्रीप सिंचाई प्रणाली के लिए मीकाडा डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर करें आवेदन
नारनौल, कानोड़ न्यूज । हरियाणा सरकार ने परंपरागत खेती में बढ़ते जोखिम व लागत को देखते हुए फसल विविधीकरण पर पूरा जोर दिया है ताकि किसान बागवानी करके अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकें। सरकार नए बाग लगाने पर किसानों को प्रति एकड़ 50 से 70 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए एचओआरटीएनईटी डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवाना होगा। अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है।
यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी प्रेम यादव ने बताया कि सामान्य दूरी 6 गुना 7 मीटर व इससे ज्यादा दूरी वाले बागों जैसे बेर, चीकू, लीची, आवंला, आडू, एवं नाशपती आदि फलों के लिए प्रति एकड़ लगभग 95 पौधे प्रति एकड़ लगाने के लिए 50 फीसदी (25500) रुपए अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष 12500, द्वितीय व तृतीय वर्ष 6500-6500 रूपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। सघन बागों के लिए 6 गुना 6 मीटर व इससे कम दूरी वाले बागों जैसे आम, अमरूद, नींबू वर्गीय, अनार, आडू, आंवला, नाशपती, अंगूर, पपीता एवं ड्रैगन फ्रूट आदि फलों के लिए प्रति एकड 111 पौधे लगाने के लिए 43 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा। प्रथम वर्ष 23 हजार, द्वितीय व तृतीय वर्ष के लिए 10-10 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि टिशू कल्चर खजूर 8 गुना 8 मीटर प्रति एकड़ लगभग 63 पौधे लगाने के लिए 2 लाख प्रति एकड के हिसाब से 70 फीसदी 1 लाख 40 हजार का अनुदान दिया जाएगा। इसमें प्रथम वर्ष 84 हजार और द्वितीय व तृतीय वर्ष में 28-28 हजार रूपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। पौधा जाल प्रणाली (मुख्यतः अनार, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, अंगूर इत्यादि बागों के लिए) 1 लाख 40 हजार के हिसाब से 50 फीसदी 70 हजार रूपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा। एक किसान अधिकतम 10 एकड क्षेत्र में बाग लगाकर अनुदान प्राप्त कर सकता है।
इसके अलावा किसान सूक्ष्म सिंचाई/ड्रीप सिंचाई प्रणाली का लाभ लेने के लिए मीकाडा डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए संबंधित ब्लॉक उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में जाकर जानकारी ले सकते हैं।