पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल का निधन, मोहाली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। प्रकाश सिंह बादल पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे, उनकी सेहत ठीक नहीं थी, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद पंजाब के मोहाली के एक निजी अस्पताल में उन्हें कुछ दिन पहले भर्ती कराया गया था।अब मंगलवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। बादल पंजाब से सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि इस देश के एक दिग्गज नेता थे, ऐसे नेता जिन्होंने कई सरकारों को बनते-गिरते देखा था। पंजाब के विकास में उनका अहम योगदान माना जाता है, जैसा उनका व्यक्तित्व रहा, दूसरे दल के नेताओं के साथ भी उनके अच्छे संबंध रहे। लेकिन वो शख्सियत अब हमारे बीच नहीं है।

प्रकाश सिंह बादल के निधन पर राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से दुखी हूं। वे भारतीय राजनीति की एक दिग्गज शख्सियत थे और एक ऐसे नेता जिन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया। उन्होंने पंजाब के लिए बिना थके काम किया और मुश्किल स्थिति में भी राज्य को दिशा दिखाई।

नहीं रहे प्रकाश सिंह बादल

पंजाब की सियासत में जब भी नेताओं का जिक्र किया जाता है तो प्रकाश सिंह बादल का नाम सबसे ऊपर रहता है। पांच बार वे पंजाब के मुख्यमंत्री रहे, सबसे लंबे समय तक सत्ता संभाली और लगातार अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को जीत दिलाई। पिछले कुछ सालों से वे सत्ता से दूर जरूर रहे, लेकिन सियासी रूप से सक्रिय दिख जाते थे। देश के अहम मुद्दों पर वे अपने बयान साझा करते रहते थे। ये अलग बात रही कि वे अपना आखिरी चुनाव हार गए थे।

गढ़ में हारे आखिरी चुनाव

असल में प्रकाश सिंह बादल ने पिछले साल पंजाब विधानसभा के लिए अपना आखिरी चुनाव लड़ा। प्रकाश सिंह बादल को इस चुनाव में अपने गढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा। पिछले साल हुए चुनाव में प्रकाश सिंह बादल आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह से करीब 12 हजार वोटों से हार गए। इससे पहले लांबी विधानसभा सीट पर प्रकाश सिंह बादल ने रिकॉर्ड 5 बार लगातार जीत दर्ज की थी। वह 1997 से लगातार यहां पर जीत रहे थे।

लांबी सीट को लेकर कहा जाने लगा था कि यहां से प्रकाश सिंह बादल को कोई नहीं हरा सकता। इसका अपना कारण भी था क्योंकि साल 1997 से वे लगातार यहां से चुनाव जीतते आ रहे थे। उनके से पहले इस सीट पर तीन पर कांग्रेस की जीत हुई थी, एक बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार भी जीते, बाद में प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास सिंह बादल भी यहां जीते। लेकिन फिर 1997 में खुद प्रकाश सिंह बादल ने उम्मीदवारी ठोंकी और लंबे समय तक इस सीट पर अजय रहे।

सबसे युवा और सबसे उम्रदराज सीएम

प्रकाश सिंह बादल की सियासत के साथ एक बात और काफी दिलचस्प रही। वे देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री भी रहे और सबसे उम्रदराज सीएम होने का तमगा भी उन्हीं को मिला। असल में साल 1970 में प्रकाश सिंह बादल सबसे पहले मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र सिर्फ 43 साल थी। वहीं वे साल 2012 में जब पांचवीं बार सीएम रहे, तब वे सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री बन गए।

बादल के निजी जीवन की बात करें तो उनका जन्म 8 दिसम्‍बर 1927 को पंजाब में मालवा के एक गांव में हुआ था। उनकी साल 1959 में सुरिंदर कौर से शादी हुई थी, उस शादी से उन्हें दो बच्चे रहे- सुखबीर सिंह बादल और परनीत कौर। इस समय सुखबीर सिंह बादल तो अकाली दल के प्रमुख हैं, वहीं परीनत की शादी आदेश प्रताप सिंह से हुई। 2011 में प्रकाश सिंह बादल की पत्नी का निधन हो गया था।

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