चंडीगढ़ @ कानोड़ न्यूज । हरियाणा सरकार ने नगर परिषद और नगर पालिका के प्रधानों के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने प्रधानों की ड्राइंग एंड डिस्बर्समेंट (DD) पावर को खत्म कर दिया है। अब प्रधान किसी भी विकास कार्य या अन्य मद में होने वाले खर्च के लिए चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे।
सरकार ने इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा करने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कार्यकारी अधिकारी या सचिव और लेखा प्रभारी अधिकारी संयुक्त रूप से चेक पर हस्ताक्षर करेंगे, इसके अनुसार नोटिफिकेशन का पालन किया जाएगा।
यहां मिली राहत
सरकार द्वारा कुछ राहत भी प्रदान की गई है। नोटिफिकेशन में स्पष्टता से बताया गया है कि नगर परिषद और पालिकाओं द्वारा किए जाने वाले किसी भी कार्य की स्वीकृति पहले ही तरीके से विकास कार्यों की मंजूरी प्रधान और पार्षदों के बोर्ड के पास ही रहेगी।
यह बदलाव हरियाणा नगर पालिका अधिनियम 1973 की धारा 257 की उपधारा एक और दो में नगर पालिका लेखा संहिता 1930 को संशोधित करके किया गया है।
इसके तहत, वित्त और अनुंबंध कमेटी की अध्यक्षता में एक करोड़ रुपये तक के कार्य और पांच प्रतिशत से अधिक रेट की स्वीकृति केवल प्रधान के बोर्ड के पास ही रहेगी। यह बदलाव स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता द्वारा किया गया है।
यहां देखें नोटिफिकेशन…
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