नारनौल में पकड़ा गया तेंदुआ, पिंजरे में बंधे पशु को देख घुसा और हो गया कैद

नारनौल, कानोड न्यूज । नारनौल में भय का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। वन विभाग व वाइल्डलाइफ की टीम सात दिन से इसे काबू करने के प्रयास में थी। इसके लिए पिंजरे भी लगाए गए थे। तेंदुआ की उपस्थिति को देख कर ग्रामीणों को भी हर समय अनहोनी की चिंता सता रही थी।

रात को ग्रामीणों ने तब राहत की सांस ली, जबकि गांव मुकुंदपुरा में लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ आ फंसा। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। हालांकि इस बीच भी तेंदुए की दहाड़ से लोगों में सिहरन दौड़ गई। सुबह वन विभाग की टीम तेंदुए को फिरोजपुर झिरका के जंगलों में छोड़ने के लिए रवाना हो गई।

गांव मुकुंदपुरा में 15 दिनों से एक जंगली जानवर तेंदुआ को लेकर ग्रामीण डर के साये में थे। वह गांव के कई जानवरों को उठाकर जंगल ले गया था। तेंदुआ गांव में भेड़ भेड़ बकरियों व कुत्तों को भी अपना निशाना बना रहा था। इससे लोगों में भी डर था कि कहीं वह मनुष्यों पर ही अटैक ना कर दे।

करीब 10 दिन से पहले वाइल्ड लाइफ की ओर से तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में दो बड़े पिंजरे लगाए गए थे। इन पिंजरों में बकरी को रखा गया था। रात के समय यहां पर लोग दूर से निगरानी भी कर रहे थे, लेकिन कई दिनों से वह पिंजरे में नहीं फस रहा था।

रात को करीब 9:30 फंसा पिंजरे में

तेंदुआ रात को करीब 9:30 बजे पिंजरे में फस गया। पिंजरे में फंसने के बाद वहां पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण आ गए। ग्रामीणों ने तेंदुए की फसने की जानकारी वन विभाग व वाइल्डलाइफ को दी। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और वाइल्डलाइफ की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद वाइल्डलाइफ की टीम तेंदुए को लेकर अपने साथ चली गई। वही वाइल्डलाइफ के चरण सिंह ने बताया कि इस तेंदुए को फिरोजपुर झिरका के जंगलों में छोड़ा जाएगा।

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