महेंद्रगढ़ । क्षेत्र में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार भी शहर के करीब डेढ़ दर्जन मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व पर भव्य झांकियां, भजन-कीर्तन व अन्य कार्यक्रम होंगे। इसके िलए मंिदर कमेटियों की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई। बता दें कि करीब दो दशक पहले शहर के कुछ ही मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर भव्य कार्यक्रम होते थे। उस समय शहर भी इतना विकसित नहीं था। परंतु समय के साथ-साथ शहरी क्षेत्र बढ़ा तथा यहां का आबादी क्षेत्र भी बढ़ा है।
दो दशक पहले श्री ठाकुरजी मंदिर मोहल्ला ढाणी, गोपाल मंदिर कटला तथा फूलचन्द हनुमान मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को मनाते हुए सुन्दर व भव्य झांकियां निकाली जाती थीं। अब श्रीकृष्ण जन्मोत्सव अब शहर के करीब डेढ़ दर्जन मंदिरों में भव्य रूप से मनाया जाता है। जिनमें प्राचीन शिव मंदिर मोहल्ला सैनीपुरा जहां पर श्रीकृष्णा युवा मंडल के सदस्य 15 वर्षों से अधिक समय से जन्माष्टमी पर्व भव्य रूप से मनाते आ रहे हैं। यहां पर हर वर्ष झांकियों का अवलोकन करने के लिए शहर के अलावा दूर-दराज के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। इसके बाद फूलचन्द हनुमान मंदिर में इस बार 46वां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।
मंदिर के संचालक सुरेश कुमार के अनुसार यहां काफी पुराने समय से यह पर्व लगातार मनाते आ रहे हैं। यहां भी भव्य झांकियां लोगों के विशेष आकर्षण का केन्द्र रहती है। इसके अलावा प्राचीन शिव मंदिर मोहल्ला तिवाड़ियान व शिव मंदिर सागरवाले 11 हट्टा बाजार में भी बीते कुछ वर्षों से जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ भव्य झांकियां निकालकर मनाया जाता है। गोपाल मंदिर कटला में भी काफी पुराने समय से जन्माष्टमी पर्व मनाते आ रहे हैं। यहां भव्य झांकियों के साथ-साथ भजन-कीर्तन भी होते हैं। शहर के इकलौते गंगा देवी मंदिर काली का टिब्बा भैरू वाली गली में भी हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 7 सितंबर को . सजेंगे शहर के मंदिर, निकाली जाएंगी झांकियां
ठाकुरजी मंदिर में मनाया जा रहा 38वां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्राचीन ठाकुरजी महाराज मंदिर मोहल्ला ढाणी में इस बार 38वां श्रीकृष्णजन्मोत्सव मनाया जा रहा है। मंदिर में हर वर्ष भव्य व सुन्दर झांकियों को देखने के लिए भीड़ रहती है। मोहल्ला ढाणी से सैनीपुरा तक के मार्ग पर जन्माष्टमी पर्व पर शाम 8 से रात 12 बजे तक भारी भीड़ रहती है क्योंकि इस मार्ग पर कई मदिर हैं।