गांव कादीपुरी में किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम आयोजित

  • 6500 एकड़ बागवानी का क्षेत्र मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के तहत पंजीकरण करवाने का लक्ष्य : डा. प्रेम कुमार यादव

नारनौल, कानोड़ न्यूज । आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में जिला उद्यान विभाग की ओर से आज गांव कादीपुरी में मेरी फसल मेरा ब्यौरा, भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के लिए किसान जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। 

जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार यादव ने बताया इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभाग की सभी योजनाओं के बारे में किसानों को तकनीकी जानकारी देना है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा विभागीय योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने बताया कि बागवानी से संबंधित किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। किसान फसल डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर बागवानी फसलों का पंजीकरण करा सकते हैं। 

उन्होंने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष  2022-23 में 6500 एकड़ बागवानी का क्षेत्र मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के तहत पंजीकरण करवाने का लक्ष्य रखा गया है। 

भावांतर भरपाई योजना में 21 बागवानी फसलें कवर 

इस योजना के लिए 21 बागवानी फसलें कवर की गई हैं। सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पता गोभी व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर, लिचि व अमरूद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्व किया गया है। इसके लिए बीबीवाई डॉट एचओआरटी हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर बागवानी फसलों का पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह मेरी फसल मेरा ब्यौरा के साथ लिंक है। भावांतर भरपाई योजना में संरक्षित मूल्य का जो अंतर रहता है उसका सरकार द्वारा भरपाई किया जाता है। इसके लिए जे-फार्म लेना अनिवार्य है। इसके लिए जिले में 5500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। 

फलों की खेती पर 40 हजार रूपए प्रति एकड़, सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा

बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी। बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में ओलावृष्टि, पाला, बाढ़, बादल फटना, आंधी तुफान जैसी आपदाओं से उन्हे नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस योजना के तहत सब्जियों फल और मसालें की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना के तहत फलों की खेती पर 40 हजार रूपए प्रति एकड़, सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसान को फलों की खेती पर एक हजार प्रति एकड़ एवं सब्जियों व मसालों पर 750 रूपए प्रति एकड़ का प्रीमियम भुगतान करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए उइइलण्ीवतजींतलंदंण्हवअण्पद पर बागवानी फसलों का पंजीकरण करा सकतें है। इस योजना के तहत सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर गाजर, भिंडी घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पता गोभी व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर, लीची व अमरूद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्व किया गया है। इस योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को 26 से 50 प्रतिशत, 50 से 75 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत में आंका जाएगा।

जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार ने उपस्थित किसानों को उपायुक्त के मार्गदर्शन में चल रहे मिशन महेन्द्रगढ़ अपना जल अभियान के साथ जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों मे एकल जल तालाब बनाएं ताकि वर्षा जल को खेत में ही संग्रह किया जा सके व संग्रहित जल को टपका सिंचाई के माध्यम से फलदार पौधों व सब्जियों में सिंचाई के लिए समूचित प्रयोग करें। 

इस मौके पर उद्यान विकास अधिकारी एवं तकनीकी सहायक डा. सांवरमल चौधरी ने बताया कि किसान पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बागवानी विभाग की सभी योजनाओं के लिए एचओआरटीएनईटी डॉट जीओवी डॉट इन पर अपना पंजीकरण करवाकर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। बागवानी विभाग की योजनाओं की जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में ब्लॉक स्तर पर उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं। 

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