- 109 बुजुर्गों ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने से किया मना
- वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए अब नहीं करना पड़ता आवेदन, पात्र होते ही कर्मचारी खुद जाएंगे उनके घर
- ऑटो मोड सिस्टम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला अव्वल
नारनौल, कानोड़ न्यूज । परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब वृद्धावस्था सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बनने लगी है। अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जुलाई तक जिला महेंद्रगढ़ में 430 बुजुर्गों की पेंशन ऑटो मोड सिस्टम के माध्यम से बन चुकी है। अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए लोगों को विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बल्कि विभाग लोगों को उनके घर द्वार पर जाकर सम्मान भत्ता के कागजात पूरे करवाएगा। ऑटो मोड सिस्टम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला महेंद्रगढ़ प्रदेश में पहले स्थान पर है।
उपायुक्त डॉ जय कृष्ण आभीर ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ई गवर्नेंस का रास्ता अपनाते हुए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सेवाएं देने की बेहतर पहल की है। राज्य के सभी परिवारों की आय व आयु वेरिफिकेशन करने के बाद सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बिना आवेदन शुरू करने की शुरुआत कर दी है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में 430 बुजुर्गों को भत्ता इसी सिस्टम के माध्यम से बन चुकी है। आगे भी यही प्रक्रिया जारी रहेगी। बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होते ही विभाग के कर्मचारी उनके घर जाकर पेंशन के लिए उनकी सहमति लेते हैं। अगर बुजुर्ग पेंशन लेना चाहता है तो तुरंत प्रभाव से उसका भत्ता शुरू कर दिया जाता है। यदि वह भत्ता नहीं लेना चाहता तो भी उसकी सहमति ली जाती है। जिला महेंद्रगढ़ में 109 बुजुर्गों ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने से मना किया है।
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई है और जिनकी पति पत्नी की सालाना इनकम 2 लाख रुपये से कम है, उनका डेटा क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक तरीके से सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट को भेज दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऑटो मोड सिस्टम वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनाने में जिला महेंद्रगढ़ पूरे राज्य में पहले स्थान पर है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि अप्रैल में 282 मई में 317 जून में 165 नागरिकों की सूची क्रीड के माध्यम से विभाग को मिली है। परिवार पहचान पत्र में जैसे ही बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष होती है उसी समय विभाग को क्रीड की ओर से सूची मिल जाती है। इसके बाद विभाग संबंधित लाभार्थी के पास जाकर उसकी सहमति लेता है अगर वह सहमति देता है तो उसके बाद पेंशन शुरू कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान इनमें से 51 लोगों की पेंशन पहले ही बन चुकी थी। वहीं 17 लोग घर पर नहीं मिले। अब दोबारा से इन नागरिकों के घर जाकर कर्मचारी कागजात पूरे करवाएंगे तथा इनकी सहमति लेंगे।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए किसी भी कार्यालय में चक्कर ना लगाएं। इस सम्मान भत्ता के पात्र होते ही विभाग के कर्मचारी खुद उनके घर जाएंगे।