राजस्व मामले तथा आपदा प्रबंधन को लेकर गुरुग्राम मंडल के आयुक्त ने की वीसी

  • एक या दो गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लेकर आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा करने के निर्देश
  • सरकार का मुख्य फोकस लैंड रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटलाइज तथा अपडेट रखना : उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर
  • साझेदारों की संख्या बढ़ने से और विकट हो जाएगी समस्या

नारनौल, विनीत पंसारी । कई-कई पीढ़ियों तक जमीन का बंटवारा न होने से जमीनी झगड़े होने की आशंका रहती है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिला महेंद्रगढ़ के किसी एक या दो गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लेकर आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा करें। हरियाणा सरकार का मुख्य फोकस लैंड रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटलाइज तथा अपडेट रखना है। यह निर्देश उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने आज गुरुग्राम मंडल के आयुक्त आरसी बिढान के साथ राजस्व मामले तथा आपदा प्रबंधन को लेकर हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिए।

उपायुक्त ने कहा कि वर्षों तक बंटवारा न होने के कारण झगड़े का अंदेशा रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह बहुत बड़ी समस्या है। राजस्व विभाग के अधिकारी इस कार्य को मिशन मोड पर करें। एक या दो गांव को पायलट प्रोजेक्ट पर लेकर ग्रामीणों को नोटिस भेजें। उन्हें आपसी सहमति से जमीन का बंटवारा करने के लिए प्रेरित करें तथा उनकी कागजी कार्रवाई पूरी करवाएं।

डीसी ने कहा कि अगर एक पीढ़ी और भी बिना बंटवारे के लिए चली जाती है तो भविष्य में जमीन का बंटवारा करना भी संभव नहीं हो पाएगा। साझेदारों की संख्या बढ़ने के कारण यह समस्या और भी अधिक विकट हो जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि राजस्व विभाग के अधिकारी इस कार्य को जल्द से जल्द निपटाएं। यह लोगों की बहुत बड़ी सेवा होगी।

इसके अलावा उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने गुरुग्राम मंडल के आयुक्त को हर साल 15 अगस्त से 15 सितंबर तक ई- गिरदावरी के कार्य को पूरा करने की समय सीमा रखने के सुझाव पर सहमति दी।

इस दौरान जमीन की नकल, रजिस्ट्री, इंतकाल तथा शहरी क्षेत्रों में 7-ए के प्रावधानों के अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े मामलों को लेकर विचार विमर्श किया गया तथा उपायुक्तों के सुझाव मांगे।

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