नारनौल, विनीत पंसारी । जिले में सड़क हादसों पर लगाम कसने के लिए एक नए साफ्टवेयर आईरेड (इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेंट डाटाबेस एप्प) संचालित किया गया है। इस साफ्टवेयर के माध्यम से पुलिस, नेशनल हाई-वे, ट्रासंपोर्ट व स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे। यह साफ्टवेयर राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा आईआईटी मद्रास, एनआईसी चेन्नई व एनआईसी एसआई की तरफ से तैयार किया गया है। इस एप्प का एक मकसद सेंटरलाईज्ड डाटा बेस तैयार करना तो दूसरा ब्लैक स्पॉट चिन्हित करना है।
जिला महेन्द्रगढ़ (नारनौल) में इस प्रोजेक्ट के जिला प्रबन्धक भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस माध्यम से यह पता लगाने में आसानी होगी कि सड़क हादसा कैसे हुआ, इसमें किसी की जान कैसे गई और क्यों दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उचित समय पर ईलाज नहीं मिल सका। इस साफ्टवेयर में चारों विभागों की पिछलें एक साल से ट्रेनिंग चल रही है। पुलिस विभाग, ट्रासंपोर्ट को लाईव किया जा चुका है। अब धीरे-धीरे सरकारी व निजी अस्पतालों को इस साफ्टवेयर पर लाईव किया जा रहा है। जिला प्रबन्धक ने उदारहण देते हुए बताया कि अगर कोई दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे अस्पताल में लाया जाएगा जहां से डाक्टर व अस्पताल इस एप्प से जुड़ेंगे और एप्प पर सारी जानकारी आ जाएगी। पुलिस विभाग व नेशनल हाई-वे, ट्रांसपोर्ट विभाग ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करेंगे। आने वाले समय में लाईफ इंश्योरेंस और रेफरल ट्रांसपोर्ट भी जुडेंगे।
