प्रशासन गांव की ओर थीम पर 25 तक मनाया जा रहा सुशासन सप्ताह 

  • पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन देने के लिए अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन : उपायुक्त
  • जिला महेंद्रगढ़ में सीएम विंडो पर 11655 नागरिकों ने कराई शिकायतें दर्ज
  • सेवाएं व योजनाएं देने में 9.5 स्कोर के साथ जिला तीसरे स्थान पर 

नारनौल, विनीत पंसारी । जिला में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को सरल एवं सुविधाजनक तरीके से योजनाओं व सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है। लोगों को पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन देने के लिए राज्य में अधिकतर सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। वहीं शिकायतों की सुनवाई के लिए सीएम विंडो तथा सीपीग्राम जैसे पोर्टल उपलब्ध है।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ जय कृष्ण आभीर ने बताया कि देश में आगामी 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है। इसका मुख्य मकसद ऑनलाइन सेवाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना है। सभी प्रकार की सेवाओं व योजनाओं में ग्रामीणों तक पहुंच बने, इसी उद्देश्य से इस बार प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की ओर से  मिले निर्देश के अनुसार सुशासन सप्ताह की थीम प्रशासन गांव की ओर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि आज डिजिटल के इस दौर में ग्रामीणों को कहीं भी मुख्यालय पर आने की जरूरत नहीं है सभी प्रकार की सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध है। अगर नागरिक किसी भी प्रकार की जन परिवेदना रखना चाहता है तो उसके लिए भी अलग अलग प्लेटफार्म उपलब्ध हैं।

डीसी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में सीएम विंडो पर अभी तक 11655 नागरिकों ने अपनी शिकायतें दर्ज करवाई हैं। वही सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैक्टर पर 5779 नागरिकों ने शिकायतें की हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के सीपीग्राम पोर्टल पर भी जिला के 837 नागरिकों ने शिकायतें भेजी हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि अब ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।

उपायुक्त ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ ऑनलाइन सेवाओं व योजनाएं देने में भी काफी आगे हैं। राज्य में सेवाएं व योजनाएं देने में जिला तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ की स्कोर 10 नंबर में से 9.5 है। जिला महेंद्रगढ़ से अधिक रैंकिंग केवल फरीदाबाद और गुरुग्राम की है। जिला में विभिन्न अंत्योदय सरल केंद्र के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं। वहीं जिला महेंद्रगढ़ में सीएससी केंद्रों के माध्यम से भी सेवाएं दी जा रही हैं।

डीसी ने बताया कि लोगों को राइट टू सर्विस एक्ट के तहत निर्धारित समय में काम करवाने का अधिकार है। सरकारी कार्यालयों में हर कार्य का समय निर्धारित किया गया है। अब राज्य में आरटीएस लागू हो चुका है। निर्धारित समय पर कार्य न करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।

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