चंडीगढ़ @ कानोड़ न्यूज । नारनौल रेड क्रॉस के सचिव और उनकी बेटी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि सचिव ने अपनी बेटी के पक्ष में कालेजों को सैनिटरी नैपकिन आपूर्ति आदेश दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मनोरंजन शर्मा व अन्य ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सामान की आपूर्ति कर दी थी लेकिन अदालत ने कहा कि एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार रेड क्रॉस के ऑफिस में बनाए गए स्टॉक रजिस्टर में ऐसी कोई डिलीवरी दर्ज नहीं की गई। कॉलेजों से पूछताछ करने पर उन्होंने सामान प्राप्त करने की बात स्वीकार की लेकिन यह भी कहा गया कि कॉलेजों के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि सामान की आपूर्ति के लिए 17 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया और इसके लिए एकल हस्ताक्षर को मंजूरी दी गई जो दर्शाता है कि संबंधित विभाग अनुबंध और भुगतान के लिए बहुत उत्सुक थे। इसके अतिरिक्त बिलों में बहुत सी कटौती हैं, जो संबंधित सभी लोगों के आचरण पर संदेह पैदा करता है। तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता के संबंध में यह सामने आता है कि फर्म को ऑर्डर देने की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हुई हैं।
एफआईआर में बताए गए तथ्य प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा करते हैं। किसी भी मामले में तथ्य इस प्रारंभिक चरण में एफआईआर रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों के उपयोग का आह्वान नहीं करते हैं।