भर्ती में एक से अधिक फॉर्म भरने वालों को झटका, HSSC डिलीट करेगा आवेदन, लेटेस्ट फॉर्म ही होगा मान्य, 60 हजार पद भरे जाएंगे

चंडीगढ़ @ कानोड न्यूज | हरियाणा में ग्रुप-C और D के लिए 60 हजार पदों पर भर्तियां हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) को करनी हैं। इसके लिए 10 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। कुछ युवा आवेदकों ने भर्ती के लिए एक से अधिक फॉर्म भर दिए हैं। ये फॉर्म कमीशन के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। अब एचएसएसी ऐसे फॉर्मों को डिलीट करेगा। आवेदक ने जो लेटेस्ट फॉर्म भरा है उसी को ही स्वीकार किया जाएगा।

कमीशन ने ग्रुप-सी के लिए होने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 20 जून से 31 जुलाई के बीच की डेट तय की है। वहीं ग्रुप डी की परीक्षा के लिए सितंबर माह तय किया है।

ग्रुप-D में होंगी 12 हजार भर्तियां
एचएसएससी के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि ग्रुप-C में 32000 भर्तियां, डी ग्रुप में 12000 भर्तियां, 6000 महिला एवं पुरुष कॉन्स्टेबल, 7500 टीजीटी व अन्य भर्तियां की जाएंगी। इन भर्तियों के लिए करीब 10 लाख उम्मीदवारों ने अप्लाई कर दिया है। हम फिर से पोर्टल को खोलने जा रहे हैं ताकि जिन युवाओं ने अप्लाई नहीं किया है वह भी इसमें अप्लाई कर सकें।

CET में अपडेट करने की जरूरत नहीं योग्यता
सीटीईटी के फार्म में क्वालिफिकेशन को अपडेट न कर पाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमने सीईटी में ग्रुप सी के लिए 12वीं और ग्रुप डी के लिए 10वीं की न्यूनतम योग्यता मांगी है। अगर कोई छात्र इसके बाद अगली पढ़ाई भी करता है तो उसे सीईटी में वह अपडेट करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जब वह अपनी नौकरी के लिए फॉर्म भरेगा वह उस हिसाब से अपनी अधिकतम योग्यता वहां भर सकता है।

कॉन्स्टेबल भर्ती में नहीं थी गाइडलाइन
कॉन्स्टेबल भर्ती में ऑर्फन कैटेगरी में उठे विवाद को लेकर कमीशन के चेयरमैन ने कहा कि जब हमारे द्वारा परिणाम तैयार किया गया। तब हमारे पास इस कैटेगरी को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं थी। जिस वजह से यह गलती हुई। हमने इस गलती को कोर्ट में स्वीकार भी किया है अब हम उम्मीदवारों का फिर से परिणाम तैयार कर रहे हैं। ताकि योग्य उम्मीदवारों को नौकरी दी जा सके।

हर मामले में गलत नहीं है HSSC
हाईकोर्ट में अकसर आने वाले मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि हर मामले में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन की गलती नहीं होती। जिन मामलों में गलती होती है उसे हम स्वीकार करते हैं। जैसे टीजीटी की परीक्षा में हमने सीटेट उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं किया था लेकिन बाद में वे लोग हाईकोर्ट में चले गए और कुछ उम्मीदवारों को हाईकोर्ट से सीटेट की परीक्षा के लिए आज्ञा मिल गई थी।

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