भिवानी @ कानोड न्यूज | भिवानी के गांव लालावास में बीएसएफ कांस्टेबल नरेंद्र कुमार का बुधवार को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नरेंद्र कुमार मणिपुर में उग्रवादियों से लड़ाई के दौरान गोली लगने से शहीद हो गया था। बुधवार को गांव के शमशान घाट में शहीद सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुटी वहीं बीएसएफ सैन्य अधिकारियों की एक टुकड़ी भी शहीद की देह को लेकर यहां पहुंची। सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। इस मौके पर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
गांव के बेटे को अंतिम विदाई देने जुटी ग्रामीणों की भीड़
गांव लालावास निवासी नरेंद्र कुमार बीएएसएफ में 2013 में भर्ती हुआ था। 2015 में नरेंद्र की शादी हिसार निवासी नीतू के साथ हुई थी। उसका एक सात साल का बेटा हितार्थ है। 2019 से नरेंद्र मणिपुर में तैनात था। मणिपुर हिंसा के दौरान उग्रवादियों से लड़ाई में कांस्टेबल नरेंद्र को गोली लगी। गंभीर हालत में उसे बीएएसएफ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उसकी सहादत की पुष्टि कर दी। जिसके बाद उसे दिल्ली स्थित बीएएसएफ के मुख्यालय लाया गया।
बेटे की शहादत पर पिता का कहना
जहां से बुधवार सुबह बीएएसएफ सैन्य अधिकारियों की एक टुकड़ी शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर गांव लालावास पहुंची। शहीद कांस्टेबल के पिता किरोड़ीमल राजमिस्त्री हैं जबकि माता शकुंतला गृहणी हैं। बेटे की शहादत पर पिता का कहना है कि उसे अपने बेटे पर गर्व है। उसका बेटा देश के काम आया। वहीं शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों ग्रामीण भी शमशान घाट में जुटे।
2013 में जॉइन की थी BSF बटालियन
बता दें कि शहीद नरेंद्र भिवानी जिले के गांव लालावास के रहने वाले हैं। उनके पिता किरोड़ीमल राजमिस्त्री और मां शकुंतला गृहिणी हैं। नरेंद्र ने 2013 में BSF बटालियन नंबर 122 जॉइन की थी। 2015 में हिसार की नीतू के साथ नरेंद्र कुमार की शादी हुई। उनका एक बेटा 7 वर्षीय हितार्थ है।