चंडीगढ़ @ कानोड न्यूज । आखिरकार नए हरियाणा पुलिस प्रमुख की ताजपोशी को लेकर हलचल शुरू हो गई है, जिसमें चार डीजी रैंक के अफसरों के साथ-साथ तीन दशक की नौकरी पूरी करने वाले एडीजी रैंक के अफसरों के नाम भी भेजे जाएंगे। नए पुलिस प्रमुख की ताजपोशी के लिए जाने वाले नामों की सूची में देरी होने के कारण जून के अंत में रिटायर होने जा रहे पीके अग्रवाल को सरकार दो माह का अभयदान (सेवा विस्तार) देने की तैयारी में है। पुलिस प्रमुख पद के लिए नामों का पैनल तैयार है, जो जल्द ही गृह मंत्रालय के पास में पहुंच जाएगा।
भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि पैनल लगभग तैयार कर लिया गया है। बताया गया है कि पैनल में वरिष्ठता क्रम में चार डीजी रैंक के अधिकारी हैं। इन नामों में मोहम्मद अकील, डा. आरसी मिश्रा, शत्रुजीत कपूर और देश राज सिंह के नाम शामिल हैं। इनके अलावा चार एडीजी रैंक के अफसरों की बात करें, तो आलोक राय, संजीव कुमार जैन, ओपी सिंह अजय सिंघल के नाम शामिल किए जाएंगे। भले ही चार डीजी रैंक के अफसरों में से किसी एक की ताजपोशी बतौर पुलिस प्रमुख होनी है, उसके बाद भी चार एडीजी रैंक के अफसरों के नाम पैनल में शामिल किए जाएंगे, अर्थात आठ नाम केंद्र को जाएंगे। यहां पर बता दें कि प्रदेश गृह विभाग की ओर से तैयार सूची को सीएमओ की ओर से मुहर लग जाने के बाद यूपीएससी भेजा जाएगा।
यहां पर उल्लेखनीय है कि नए पुलिस प्रमुख की ताजपोशी के लिए तीन माह पहले नामों की सूची केंद्रीय गृह विभाग को भेजी जाती है, लेकिन इस बार यह सूची अभी तक भी नहीं गई है। 30 जून को पुलिस प्रमुख पीके अग्रवाल रिटायर हो रहे हैं। हालांकि उनकी नियुक्ति दो साल के लिए हुई थी, अग्रवाल के दो साल अगस्त 2023 में पूरे हो रहे हैं। जून में सेवानिवृत्ति के बाद भी अग्रवाल को दो माह का अभयदान मिलना तय है। नियमों के अनुसार तीन माह पहले केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पैनल भेजा जाना जरूरी था लेकिन अभी तक भी पैनल नहीं गया है।
अफसरों ने भागदौड़ और लॉबिंग शुरू
उधर, डीजीपी बनने को लेकर अभी से अफसरों द्वारा भागदौड़ और लॉबिंग की शुरुआत कर दी है। वरिष्ठता क्रम में मोहम्मद अकील सबसे वरिष्ठ हैं, वे हरियाणा जेल विभाग महानिदेशक हैं। इनके बाद डा.. आरसी मिश्रा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी हैं, दोनों ही अफसरों की सेवानिवृत्ति 2024 में होनी है। दोनों अफसरों के बाद होमगार्ड महानिदेशक देशराज सिंह, चौथे नंबर पर एंटी करप्शन ब्यूरो महानिदेशक शत्रुजीत कपूर भी टाप चार नामों में हैं। यह दोनों 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। नियमों और गाइडलाइन के अनुसार डीजीपी बनने के लिए सेवानिवृत्ति में कम से कम दो वर्ष का कार्यकाल बचना चाहिए। अग्रवाल ने 16 अगस्त, 2021 को बतौर डीजीपी कामकाज संभाला था। लेकिन दो साल पूर्ण होने से पहले ही सेवानिवृत्ति 30 जून को है।
अग्रवाल का शांति और निर्विवाद कार्यकाल
वर्तमान डीजीपी पीके अग्रवाल मृदुभाषी और मिलनसार हैं, जो मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। अग्रवाल ने लगभग दो साल का अपना कामकाज बिना किसी खींचतान और विवाद के निकाल दिया है। 1988 बैच आईपीएस अधिकारी हैं। डीजीपी बनने से पहले वे डीजी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के पद पर कार्यरत थे। 2004 में पुलिस मेडल और 2015 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं।