World Environment Day 2023 : जानिए 5 जून को क्यों मनाया जाता पर्यावरण दिवस, ये पांच संकल्प लेकर धरती को बनाएं स्वर्ग

World Environment Day 2023: धरती को मनुष्य, पशु-पक्षियों के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना बेहद जरुरी है। पर्यावरण और धरती जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है, जैसे सांस लेने के लिए हवा और पेट भरने के लिए भोजन-पानी। लेकिन हम सभी जानते हैं कि धरती पर जीने के लिए एक अच्छे वातावरण की आवश्यकता होती है, जो हमें प्रकृति से प्राप्त होती है। प्रकृति हमें जीने के लिए बिना हमसे कुछ लिए हमें बहुत कुछ देती है,लेकिन इंसान बदले में प्रकृति के साथ खिलवाड़ करता है, इसका दोहन करता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे प्रकृति को नुकसान होता है जिसके कारण आदमी सहित जानवरों, पक्षियों का जीवन खतरे में पड़ जाता है। पृथ्वी पर रह रहे हर इंसान का यह कर्तव्य है कि ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि अभी और आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और कुशल रखा जा सके।


5 जून का दिन ही क्यों?

पर्यावरण को हो रहे लगातार नुकसान के चलते इसकी सुरक्षा के लिहाज और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या की वैश्विक स्तर पर चिंता को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण दिवस की नींव रखी गई थी। ये नींव साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से रखी गई थी। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इसकी शुरुआत हुई। स्टॉकहोम में आयोजित एक सम्मेलन में दुनियाभर से 119 देश शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसका आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में ही हर साल 5 जून के दिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की संकल्प लिया गया।

इन पांच संकल्पों से बना सकते हैं धरती को स्वर्ग

1. कूड़ा-कचरा इधर उधर न फेंके
इस विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यह संकल्प लें कि कचरे को सही स्थान तक पहुंचाएंगे। हर दिन हर घर से ढेर सारा कचरा निकलता है। इसमें सूखा व गीला कचरा होता है, जिसे लोग इधर उधर फेंक देते हैं। यही कचरा सही जगह पर न फेंकने के कारण जानवरों के पेट में या नदियों को गंदा करने का काम करता है। जिससे प्रदूषण फैलता है। घर से निकलने वाले कचरे को कूड़ेदान में ही डालें।

2. ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें
आज के ज़माने में हर आदमी को निजी वाहन से यात्रा करने का शौक हो गया है, कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना नहीं चाहता है। वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारक हमारी गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुआं है।इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों, सभी के जीवन के लिए शुद्ध वायु आवश्यक है। इंसान को सांस लेने के लिए हवा चाहिए लेकिन अगर यह हवा दूषित हो तो जीना दुश्वार हो जाता है।

श्वास संबंधी समस्याएं बेहद आम हो जाएंगी। पेट्रोल डीजल के वाहन का धुआं नुकसानदायक हो सकता है। इससे कार्बन मोनो-ऑक्साइड निकलती है जो सभी सांस लेने वालों के लिए नुकसानदेह है। ऐसे में पेट्रोल डीजल के बजाए ई-वाहन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।

3. परिवार का हर सदस्य अपने जन्मदिन पर एक पेड़ आवश्य लगाए
पेड़ पौधों पर ही प्रकृति की निर्भरता है। अंधाधुंध पेड़ पौधों की कटाई के कारण काफी जगहों पर ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इसी कारण मौसम चक्र भी बिगड़ रहा है। इस कारण आए दिन प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। प्रकृति को संरक्षित रखने, ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पेड़ पौधों की कटाई बंद करें, लेकिन आप हर जगह जाकर रोक तो लगा सकते नहीं है, इसीलिए अपने आसपास परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन के अवसर पर एक पेड़ लगाने का अगर आप संकल्प लेंगे तो कहीं न कहीं इससे बड़ा बदलाव जरुर आएगा।

4.पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग न करें
पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’ निकालना है। प्लास्टिक या पॉलीथिन का इस्तेमाल प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाता है। चूंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता, इस कारण यह नदियों, मृदा आदि में पहुंचकर प्रदूषित करता है।जिस कारण पृथ्वी की उपज क्षमता भी कम होती जा रही है। ऐसे में प्लास्टिक या पॉलीथिन के उपयोग को बंद करने का संकल्प लें। इसके बजाय पेपर बैग या कपड़े के बैग का उपयोग करें।

5. खुद को भी और लोगों को भी प्रेरित करें
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पांचवा संकल्प ऐसा लें की जिससे खुद को और दुसरे लोगों को भी इस पुण्य कार्य के लिए प्रेरित किया जा सके। जिससे पेड़ पौधे, धरती, मृदा, जीव-जंतु और जल आदि को और सुरक्षित रखा जा सके। क्योंकि यह काम एक अकेले के करने से कभी सफल नहीं हो पाएगा, जब तक इसमें जनता का समर्थन नहीं मिलेगा, कोई बदलाव नहीं आ पाएगा।

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