जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मर्द 80 साल की उम्र में भी जवान रहता है और वह तीन-चार शादी कर सकता है। मदनी ने बहु-विवाह को सही ठहराते हुए दावा किया कि इस्लाम के अनुसार, मर्द तीन-चार शादियां कर सकता है। मदनी के मुताबिक औरतें 45-50 साल की उम्र में बूढ़ी हो जाती हैं, जबकि मर्द 80 वर्ष की उम्र तक जवान रहता है। जब देश में समान नागरिक संहिता पर बहस छिड़ी हुई है, ऐसे में समय में मौलाना मदनी का बयान विवाद खड़ा करने वाला है। वहीं देश में तीन तलाक-बहु विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथाओं पर रोक लगाने की मांग भी की जा रही है।
मदनी के बयान की आलोचना करते हुए विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि यह उस सोच का असर है, जिसमें महिलाओं को ‘भोग की वस्तु’ समझा जाता है, उनके साथ भेदभाव किया जाता है इसलिए मदनी की बातों पर कोई आश्चर्य नहीं है। इससे पहले भी कई बार मौलाना मदनी कह चुके हैं कि इस्लाम के अनुसार, अपनी जरूरतों को पूरा करो। ऐसे में पुरुष अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए कई शादियां कर सकता है। एक करे, दो, तीन या चार करे या तो वह तलाक देकर चौथी शादी करे या सबको साथ लेकर चले।
इस्लाम में इसकी इजाजत है। वहीं समान नागरिक संहिता पर मदनी ने कहा कि हम इसे कुबूल नहीं करते। 1300 सालों से मुस्लिम इस देश में रहते आए हैं. पहले यह मामला कभी नहीं आया, अब ऐसी कौन सी आफत आ गई है? साथ ही मदनी ने कहा कि हालांकि हम समान नागरिक संहिता के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरेंगे लेकिन विधि आयोग के सामने अपनी राय जरूर रखेंगे।
NEWS SOURCE : punjabkesari