खेल पॉलिसी में संशोधन : हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों के आरक्षित कोटे में वेट कैटेगिरी की शर्त हटाई

चंडीगढ़ , कानोड न्यूज । हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों को नौकरी में बड़ी राहत दी है। अब यह अनिवार्यता हटा दी गई है कि खिलाड़ी को तभी नौकरी मिलेगी, जब वह ओलिंपिक, राष्ट्रमंडल, एशियाई, राष्ट्रीय खेलों व राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शामिल होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में ही मेडल जीते। यदि इन स्तर के खेलों में शामिल प्रतिस्पर्धाओं के अलावा दूसरी स्पर्धाओं में भी खिलाड़ी मेडल हासिल करते हैं तो उन्हें नौकरी दी जाएगी।

नए नियम 2021 से ही लागू होंगे। ऐसे में उन खिलाड़ियों को भी फायदा होगा, जिन्होंने पिछले दो साल मेडल जीते हैं। राज्य सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी देने की 2018 की पॉलिसी में 2021 में ही संशोधन किया था। इसका सबसे ज्यादा फायदा पहलवानों व बॉक्सर को होगा।

राज्य में जल्द हाेगी खिलाड़ियों के कोटे के 452 पदों पर भर्ती राज्य में जल्द 452 पदों पर योग्य खिलाड़ियों की भर्ती होगी। इसे लेकर मंगलवार को ही हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन के अधिकारियों की मुख्य सचिव के साथ बैठक भी हुई है। खास बात यह है कि आउट स्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन के लिए सीईटी की अनिवार्यता नहीं है। वह मेडल लेकर आएगा तो उसे नौकरी मिलेगी। जबकि एलिजिबल स्पोर्ट्स पर्सन पूरी प्रक्रिया से गुजरेगा। खिलाड़ियों को सात विभागों में ग्रुप-सी में तीन प्रतिशत कोटा दिया जाएगा।

ऐसे होगा खिलाड़ियों को फायदा…

पॉलिसी में इवेंट की परिभाषा स्पष्ट नहीं थी। इसलिए उन्हीं प्रतिस्पर्धाओं में मेडल जीतने पर खिलाड़ी को नौकरी के योग्य माना जा रहा था, जो प्रतिस्पर्धाएं ओलिंपिक, राष्ट्रमंडल, एशियाई, राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में होती हैं। इससे कई फेडरेशन द्वारा कराए जाने वाले दूसरे इवेंट पॉलिसी में शामिल नहीं हुए।

खिलाड़ियों ने मामला सरकार के सामने रखा। जांच में सामने आया कि कई बार जैसे- पहलवान के वेट की कैटेगिरी उक्त स्तर के खेल आयोजनों में तो है, परंतु किसी दूसरी फेडरेशन की तरफ कराए गए खेल आयोजन में उसने अलग कैटेगिरी बना दी, जिससे वे खिलाड़ी नौकरी में योग्य नहीं हो रहे थे। इसका ज्यादातर लाभ कुश्ती व बॉक्सिंग के जूनियर खिलाड़ियों को होगा।

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