- लंबे रूट की गाड़ियों का नहीं हैं कोई ठहराव
- रेलवे स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम नहीं
महेंद्रगढ़ जिले में 80 साल पुराना रेलवे स्टेशन है, जो 1940 में बनकर तैयार हुआ और 1942 में इस स्टेशन से रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ। 2005 में इसे आदर्श रेलवे स्टेशन का दर्जा मिला, लेकिन करीब 8 दशक बीतने के बाद भी इस रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
आदर्श स्टेशन दर्जे के अनुरूप जो सुविधाएं रेलवे विभाग के द्वारा मुहैया करवाई जाती हैं, वह यहां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इस स्टेशन पर कई लंबे रूट की ट्रेनों का ठहराव भी नहीं है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
रेलवे स्टेशन से करीब 30 ट्रेनें आती जातीं
दैनिक रेल यात्री महासंघ के अध्यक्ष रामनिवास पाटोदा ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर-1 पर जो टीन शेड लगा है, वह छोटा पड़ रहा है। वहां पर आगे और पीछे 2 टीन शेड और लगवाया जाएं। प्लेटफार्म नंबर-2 पर पर्याप्त टीन शेड, पानी और बिजली की सुविधा नहीं है। कोई शौचालय भी नहीं है। अन्य यात्रियों के लिए वेटिंग रूम की सुविधा नहीं है, इसलिए यात्रियों को टिकट खिड़की के पास बैठकर गाड़ी की प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
यहां से पैसेंजर,एक्सप्रेस व सुपरफास्ट 30 गाड़ियों का प्रतिदिन आगमन होता है। रेल विभाग को यहां से काफी राजस्व भी मिल रहा है। इसके बावजूद रेलवे स्टेशन का बुरा हाल है। स्टेशन पर RPF-GRP के लिए बूथ नहीं है। पहले इस रेलवे स्टेशन से मीटर गेज की गाड़ियां गुजरती थीं। 2008 में ब्रॉड गेज की लंबी दूरियों की गाड़ियां इस स्टेशन की पटरियों पर दौड़ने लगीं।

महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में लोगों को प्लेटफार्म पर ही समय बिताना पड़ता।
रेलवे स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम नहीं
रामनिवास पाटोदा के अनुसार, अब समय परिवर्तन के साथ-साथ इस रेलवे ट्रैक पर बिजली से संचालित ट्रेनें दौड़ने वाली हैं। उनके लिए विभाग की तरफ से तैयारी पूरी कर ली गई है। बिजली से चलने वाली गाड़ियों का संचालन होने से लोगों को काफी फायदा होगा। दिल्ली की दूरी भी कम समय में तय हो जाएगी। अकसर देखा गया है कि लंबी दूरी की गाड़ियों में रिजर्वेशन करवाने के बाद यात्रा करने वाले यात्रियों को कोच गाइडेंस सिस्टम नहीं होने से जानकारी नहीं मिल पाती।
रेलवे स्टेशन पर उच्च श्रेणी के यात्रियों के लिए वेटिंग रूम की सुविधा है, जबकि सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए वेटिंग रूम की सुविधा नहीं है। सर्दी का मौसम हो चाहे, गर्मी का यात्रियों को टिकट खिड़की के पास या रेलवे स्टेशन पर रात बितानी पड़ती है। वहां उनको सामान चोरी होने का डर भी बना रहता है। कई बार रेल मंत्री के साथ-साथ रेलवे के उच्च अधिकारियों व सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह को ज्ञापन दिए गए, लेकिन महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन पर 3 गाड़ियों के ठहराव की मांग पूरी नहीं हुई।
मांग पूरी नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में काफी रोष है। इन गाड़ियों में यात्रा करने के लिए महेंद्रगढ़ क्षेत्र के लोगों को रेवाड़ी या फिर लोहारू स्टेशन जाना पड़ रहा है। महेंद्रगढ़ में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ-साथ यहां के बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों में हरियाणा ही नहीं पूरे देश के कोने कोने से छात्र-छात्राएं पढ़ने आ रहे हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए यहां पर इन गाड़ियों का ठहराव अति आवश्यक है, लेकिन अभी तक इस ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है, जबकि ऐसा होना चाहिए।