नारनौल । नारनौल सिविल अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। बुधवार को चिकित्सा अधीक्षक अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों द्वारा बात नहीं माने जाने पर सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हालांकि सिविल सर्जन के कहने पर दस मिनट बाद धरना समाप्त कर दिया। सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि एक दिन में उनकी मांगों को पूरी कर दी जाएगा। इसके बाद चिकित्सा अधीक्षक ने धरना समाप्त कर दिया।
स्टोर कीपर का पद काफी दिन से खाली पड़ा
चिकित्सा अधीक्षक का आरोप है कि चिकित्सक उनकी बात नहीं मान रहे है। जिसकी वजह से अस्पताल में व्यवस्था अच्छे ढंग से नहीं चल पा रही है। वहीं, स्टोर कीपर का पद भी काफी दिन से खाली है, जिसकी वजह से समस्या बनी हुई है। बीते दिनों भी चिकित्सा अधीक्षक ने दो-तीन कर्मचारियों को स्टोर कीपर का पदभार संभालने के लिए पत्र जारी किया था, लेकिन उन्होंने पदभार लेने से मना कर दिया। चिकित्सा अधीक्षक का आरोप है कि अगर कर्मचारी ही उनकी बातों को अनसुना करेंगे तो अस्पताल में व्यवस्था कैसे सुचारू रूप चल सकेगी।
स्टोर कीपर की मौत के बाद खाली कुर्सी
कुछ समय पहले नागरिक अस्पताल के स्टोर कीपर नरेंद्र ने कमरे में ही फांसी का फंदा लगा लिया था, जिसके बाद स्टोरी कीपर का पद खाली है। अब स्टोरी कीपर की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं है। अभी भी स्टोर कीपर के कमरे के बाहर ताला लगा हुआ है।