पांच लोग, 45 मिनट की जद्दोजहद: फ्लाइट में थमी दो साल की बच्ची की सांस, विमान में शुरू हुई बचाने की कोशिश और…

नई दिल्ली । एक बार फिर साबित हो गया कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं। दरअसल, कर्नाटक के बंगलूरू से राजधानी दिल्ली आ रही विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइट में सवार पांच डॉक्टरों ने दो साल की एक बच्चे की जान बचाई, जिसकी सांसें थम गई थीं। इस घटना की दिल्ली एम्स ने सोशल मीडिया पर पुष्टि की है।  

फ्लाइट में मची अफरा-तफरी
27 अगस्त को बंगलूरू से दिल्ली आ रही विस्तारा एयरलाइन की UK-814 फ्लाइट में अचानक एक दो साल की बच्ची की तबीयत खराब हो गई। बच्ची सियानोटिक बीमारी से पीड़ित थी। उसका इंट्राकार्डियक के लिए ऑपरेशन किया गया था। बच्ची की तबियत इतनी खराब हो गई कि वह बेहोश हो गई। बच्ची को ऐसे देख फ्लाइट में मौजूद लोग घबरा गए। इस बीच, फ्लाइट में मौजूद दिल्ली एम्स के पांच डॉक्टर भगवान बनकर आए और बच्ची को बचा लिया।

हाथ-पैर पड़े थे ठंडे
दरअसल, जब डॉक्टरों को पता चला कि बच्ची की हालत बहुत बिगड़ गई है तो उन्होंने तुरंत जांच की। बच्ची की नाड़ी गायब थी, हाथ-पैर ठंडे थे, सांस नहीं ले रही थी। इतना ही नहीं, उसके होंठ और अंगुलियां भी पीले पड़े थे। उसे तुरंत सीपीआर दिया गया। इस दौरान फ्लाइट में ही IV कैनुला दिया गया।

तब बढ़ी मुश्किल
डॉक्टरों के सामने मुश्किल तब बढ़ गई, जब इलाज के दौरान बच्ची को कार्डिएक अरेस्ट पड़ा। टीम ने एईडी का इस्तेमाल किया। इस दौरान करीब 45 मिनट तक डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज किया। इस दौरान उनके पास जो भी संसाधन थे उनके इस्तेमाल से बच्ची की जान बचा ली गई। 45 मिनट तक इलाज होने के बाद फ्लाइट को नागपुर भेजा गया और यहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट को सौंपा गया। बच्ची की हालत अब खतरे से बाहर है।

ये पांच डॉक्टर थे शामिल

एम्स के जिन पांच डॉक्टरों ने बच्ची को बचाया। उनमें एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. नवदीप कौर, एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी डॉ. दमनदीप सिंह, पूर्व एसआर एम्स रेडियोलॉजी डॉ. ऋषभ जैन, पूर्व एसआर एम्स एसआर ओबीजी डॉ. ओइशिका और एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी डॉ. अविचला टैक्सक शामिल थे।

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