रेवाड़ी । दोस्त के स्थान पर सीईटी ग्रुप डी की परीक्षा देने आए एक युवक को पहली बार में बायोमैट्रिक सिस्टम ने पास कर दिया। उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई, लेकिन स्टाफ ने संदेह के आधार पर दोबारा उसकी जांच कराई। दूसरी बार में फिंगर प्रिंट और फोटो मैच नहीं हुए, तो स्टाफ ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
स्कूल खंडोड़ा के परीक्षा केंद्र पर रोल नंबर. 16525043 सुमित पुत्र विनोद के नाम पर जारी किया हुआ था। इस रोल नंबर के आधार पर परीक्षा देने के लिए आए युवक को बायोमैट्रिक टेस्ट के दौरान पास करने के बाद परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। ऑब्जर्वर सीताराम यादव को परीक्षार्थी पर संदेह हुआ, तो उन्होंने एक बार फिर से युवक की बायोमैट्रिक जांच कराई। जांच के दौरान उसके फिंगर प्रिंट और फोटो दोनों मैच नहीं हुए। स्टाफ ने पूछताछ की तो उसने नाम प्रदीप कुमार निवासी सलूदा, जिला झज्जर बताया। उसने बताया कि वह अपने दोस्त सुमित के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया है। केंद्र अधीक्षक ओमप्रकाश ने मौके पर पुलिस बुलाकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।
दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया, बायोमैट्रिक प्रणाली के फेर में धरा गया
वहीं परीक्षा में किसी और के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया एक युवक बायोमैट्रिक सिस्टम का शिकार होकर फंस गया। परीक्षा केंद्र अधीक्षक की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। प्राइवेट स्कूल में चल रहे परीक्षा केंद्र पर रोल नंबर 26506422 परीक्षार्थी अमित कुमार का था। जब बायोमैट्रिक मशीन पर उसके स्थान पर परीक्षा देने आया दूसरा युवक हाजिरी लगाने लगा, तो परीक्षा केंद्र अधीक्षक शारदा यादव ने उसे संदिग्ध मानते हुए पूछताछ की। युवक अमित कुमार के स्थान पर भिवानी जिले के गांव ऊण का रहने वाला अक्षय कुमार निकला। पूछताछ करने के बाद उसे थाना रामपुरा पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर लिया।