Narnaul : व्यवस्था के नाम पर जीरो, नो-पार्किंग के नाम पर हर माह सैकड़ों चालान

नारनौल । फेस्टिवल सीजन में ग्राहकी बढ़ने लगी है, लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी ग्राहकों पर भारी पड़ रही है। ऑफिसरों ने लोगों को बेशक मल्टीस्टोरी वाहन पार्किंग के सपने दिखाए मगर वाहन पार्किंग की योजना पांच साल से अधर में अटकी है। यहीं कारण है कि शहर के हर मुख्य बाजारों व चौक चौराहों में दिनभर जाम लगता है। इतना हीं नहीं, ग्राहक निजी वाहन पार्किंग चलाने वालों को 50 रुपये प्रति घंटा फीस अदा करने को मजबूर है ताकि उनके वाहन ट्रेफिक पुलिस उठाकर न ले जाए। जिससे बाजार ही नहीं बल्कि मुख्य सड़कें भी जाम रहती हैं। जोकि नप आफिसरों की सरासर नाकामी को दर्शाता है।

उधर, ट्रेफिक व्यवस्था संभाले जवानों की तादाद 10 से 15 में सिमटी है। हैरानी की बात है कि पुलिस रिकार्ड में जो पार्किंग व्यवस्था है, वह शहर के बाहरी किनारे सैनी धर्म कांटा के पास है। अब जो बाजार में जाने के लिए घर से वाहन लेकर आ रहा है, वह चार किलोमीटर दूर पुलिस की ओर से निर्धारित पार्किंग में गाड़ी खड़ी करके कैसे इतनी दूर आ सकता है। वहीं नगर परिषद की ओर से पुरानी कचहरी मैदान है। यहां पार्किंग का एकमात्र स्थान है, पर जिसे पुल बाजार या आजाद चौक जाना है उसे पुरानी कचहरी मैदान में गाड़ी खड़ी कर इतनी दूर पैदल ही जाना पड़ रहा है।

नारनौल शहर की स्थिति सम­झें…

सवा लाख की आबादी वाला नारनौल शहर करीब चार से पांच किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। जहां सदैव भीड़ की स्थिति रहती है, वह महावीर चौक, बस स्टैंड, रेवाड़ी रोड़, महेंद्रगढ़ रोड, सिंघाना रोड व निजामपुर रोड है। यह सभी मुख्य सड़क है, जहां वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। इसके ईद-गिर्द कहीं भी पुलिस की ओर से पार्किंग व्यवस्था नहीं है। अब अगर गलती से कोई चालक अपनी गाड़ी को सड़क किनारे खड़ी कर गया और सड़क पर लगी सफेद पट्टी पर गाड़ी है तो ट्रेफिक पुलिस बिना कोई शोर-शराबे के वहां आएगी, मोबाइल से गाड़ी की फोटो क्लिक करेगी और ऑनलाइन चालान काट देगी। जब गाड़ी मालिक के मोबाइल मैसेज पर नो-पार्किंग का 500 रुपये का चालान पहुंचेगा तो उसकी टेंशन बढ़ेगी। यहीं हाल इन दिनों इन मुख्य सड़कों पर किनारे खड़ी होने वाली गाडि़यों के साथ हो रहा है।

ट्रेफिक पुलिस कर रही नो-पार्किंग के चालान

पुलिस विभाग में ट्रेफिक पुलिस शाखा ने अक्टूबर माह में 305 चालान किए है। यह चालान सिर्फ नो-पार्किंग के है। इनमें से 80 से 85 फीसदी चालान अकेले नारनौल शहर में किए गए है।

आरटीआई से खुलासा…शहर से चार किलोमीटर दूर पार्किंग, फिर भी धड़ल्ले से पुलिस कर रही चालान

आटीआईए एक्सपर्ट एडवोकेट नरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पुलिस महकमा में पुलिस की ओर से पार्किंग व्यवस्था की डिटेल आरटीआई से मांगी गई। इसमें ट्रेफिक पुलिस की ओर से जवाब मिला कि ‘श्याम पार्किंग सैनी धर्मकांटा निजामपुर रोड नारनौल शहर में निर्धारित पार्किंग स्थान है तथा चितवन वाटिका नारनौल प्रशासन द्वारा अस्थाई रूप से निर्धारित पार्किंग स्थान है।’ एडवोकेट ने बताया कि श्याम पार्किंग शहरी बाजार से चार किलोमीटर दूर है, इतनी दूर गाड़ी खड़ी कैसे गाड़ी खड़ी की जा सकती है। दूसरी ओर जहां प्रशासन की ओर से चितवन वाटिका में पार्किंग बताई जा रही है, वहां अंदर व बाहर रेहडि़यों का कब्जा है। यहां ना सीसीटीवी कैमरा है और ना ही अन्य सुविधा। हैरानी की बात है कि पुलिस नो-पार्किंग के नाम पर चालान तो धड़ल्ले से कर रही है, पर सही पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध नहीं करवा रही। अब तो वैसे भी त्योहारी सीजन है। बाजारों में भीड़ रहेगी। पुलिस इसी का फायदा कर अपनी खामी को छुपाते हुए नो-पार्किंग का चालान करेगी।

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