महेंद्रगढ़ । महेंद्रगढ़ जिले में वायु प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है। अब तो आमजन के साथ सूर्य देव पर भी प्रदूषण का ग्रहण साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। दिल्ली का असर अब जिले में भी नजर आने लगा है I संपूर्ण इलाके में अब हवा में जहर घुलने लगा है। धीरे-धीरे संपूर्ण इलाके को प्रदूषण अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सुबह से शाम तक स्मॉग की सफेद चादर के आगोश में संपूर्ण जिला आ चुका है।
आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 479 तक पहुंच गया था, जो बेहद चिंताजनक और बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट होने के प्रमुख कारणों में तापमान में गिरावट, वायु का दबाव, अनियंत्रित यातायात के साधन, क्रशर जोन, सड़कों का निर्माण, ईंट भट्ठे, अवैध ढंग से चल रहीं चिमनियां व मिक्सर प्लांट आबोहवा को और जहरीली बना रहे हैं।

प्रदूषण कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जारी किया महेंद्रगढ़ जिले का AQI लेवल।
ऐसे मापी जाती है वायु गुणवत्ता
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 99% आबादी अशुद्ध हवा में सांस लेती है। वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष 70 लाख लोगों की असामयिक मृत्यु होती है। जब हवा का स्तर खराब होता है तो सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) से होने वाला कण प्रदूषण चिंता का विषय बन जाता है। दरअसल, पीएम 2.5 कण 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कणों को बताता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
पीएम 2.5 को अक्सर वायु गुणवत्ता मानकों में एक उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। जब हम सांस लेते हैं तो PM 2.5 रक्तप्रवाह में गहराई से अवशोषित हो जाता है और हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा उत्पन्न करता है। हवा में प्रदूषकों का घनत्व जितना अधिक होगा, AQI उतना ही अधिक होगा, जो शून्य से 500 तक का पैमाना है।

प्रदूषण कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जारी किया गया दिल्ली का AQI लेवल।
50 से कम AQI माना जाता है सुरक्षित
50 या उससे कम का AQI सुरक्षित माना जाता है, जबकि 100 से ऊपर का मान अस्वस्थ माना जाता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि AQI 479 पर पहुंचा है जिसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। दिल्ली जैसे व्यवस्थित शहर में AQI जहां 464 है। वहीं, महेंद्रगढ़ में AQI 479 होना एक चिंता का विषय है।