अनिल विज की नाराजगी के बीच हरियाणा में कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज, राज्यपाल से मिले सीएम

तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। 10 महीने बाद होने वाले चुनाव से पहले हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार शाम को अचानक राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की। उसके बाद से चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुलाकात के दौरान बाल कल्याण परिषद में नियुक्तियों और आयोग के चेयरमैनों के शपथ ग्रहण को लेकर भी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात चली। उल्लेखनीय है कि आगामी चुनाव समीकरण को साधने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल विशेष रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।

इसी के तहत सरकार का साथ दे रहे निर्दलीय विधायकों को आखिरी साल मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। छह निर्दलीय विधायक और हलोपा के गोपाल कांडा का सरकार को समर्थन प्राप्त है।

वहीं, राजस्थान में बिश्नोई बेल्ट में भाजपा के बेहतरीन प्रदर्शन पर केंद्रीय नेतृत्व कुलदीप बिश्नोई को जल्द तोहफा मिल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में उनके बेटे भव्य बिश्नोई को भी शामिल किया जा सकता है। वहीं, अनिल विज ने अभी तक अपनी नाराजगी छोड़ी नहीं है। चर्चा है कि यदि दो तीन दिन में उनके विवाद का निपटारा नहीं हुआ तो वह स्वास्थ्य मंत्रालय छोड़ सकते हैं। पिछले दो महीने से वह स्वास्थ्य विभाग की फाइलें नहीं देख रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग पर विज बोले- मुझे यकीन, सीएम करेंगे फैसला

स्वास्थ्य विभाग में फाइलों के अटकने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह जल्द फैसला करेंगे और उन्हें मुख्यमंत्री की बात पर यकीन है। ऐसे में एक बार फिर विज ने गेंद मुख्यमंत्री के पाले में डाल दी है। देखना है कि मुख्यमंत्री इस मामले में कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं। हालांकि, शीतकालीन सत्र से पहले विवाद को सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं ताकि सदन में सरकार की घेराबंदी न हो सके।

गौरतलब है कि विज पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे। यह मामला प्रदेश में चर्चा का विषय भी बना है। विज सीएमओ के एक अधिकारी द्वारा समीक्षा बैठक लेने से नाराज हैं और इस नाराजगी को लेकर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक को अवगत करा चुके हैं। इतना ही नहीं, बढ़ते विवाद को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विज के साथ बैठक की थी और आश्वस्त किया था कि वह इस मामले में समाधान करेंगे, इसके लिए कुछ समय मांगा गया था लेकिन अब सीएम से बैठक को भी 20 दिन से अधिक हो गए हैं और अभी तक स्थिति वही है। 15 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होना है। इसलिए विज भी कह चुके हैं कि अगर इस दौरान समाधान नहीं किया गया तो वह स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते हैं।

बड़े विभागों को CM खुद देखेंगे
सियासी गलियारों में यह माना जा रहा है कि भाजपा एकदम से JJP से किनारा नहीं करेगी, लेकिन यदि सीएम मनोहर लाल अब मंत्रिमंडल का विस्तार करते हैं तो संभावना है कि जेजेपी विधायकों को मिले विभागों पर वह कैंची चला सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है डिप्टी सीएम से भी कुछ बड़े महकमे सीएम वापस ले सकते हैं, इसे जजपा ने अगर बर्दाश्त कर लिया तो ठीक वर्ना दोनों पार्टियों के रास्ते अलग होने की संभावना है।

स्वास्थ्य की जगह विज को खेल देने की तैयारी
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी की वजह CMO के उनके हेल्थ डिपार्टमेंट में दखल को बताया जा रहा है। यही कारण है कि वह पिछले दो महीने से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज नहीं देख रहे हैं। इसको लेकर सीएम के साथ उनकी मीटिंग भी हो चुकी है। विज ने यह भी कह दिया है कि वह 15 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में विभाग से जुड़े सवालों का जवाब भी नहीं देंगे। ऐसे में अब उनसे हेल्थ वापस लेकर खेल विभाग दिए जाने के पूरे आसार हैं।

निर्दलीय विधायकों को साधना सरकार की मजबूरी
हरियाणा में जजपा के साथ 7 निर्दलीय विधायक सरकार में अपना समर्थन दे रहे हैं। ये विधायक लगातार पार्टी प्रभारी बिप्लब देब और सीएम मनोहर लाल से मिल रहे हैं। पिछले दो दिनों में भी सीएम और पार्टी प्रभारी के साथ निर्दलीय विधायक संपर्क बनाए हुए हैं। वह लगातार दबाव बना रहे हैं कि जजपा से गठबंधन तोड़कर सरकार में उन्हें शामिल करें। हालांकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन पांच राज्यों के चुनाव के बाद भाजपा हरियाणा में नए चेहरों की तलाश में जुट गई है।

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