सांसद ने कुलपति को लिखा पत्र, केविवि में राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं शुरू करवाने हेतु जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा

महेंद्रगढ़ । केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं जल्द शुरू होने की उम्मीद अब पूरी होती दिख रही है। केविवि में राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं जल्द शुरू करने के िलए केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के सकारात्मक पत्र के बाद अब सांसद ने विवि कुलपति को पत्र लिख कर इस पर जल्द प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया है।

बता दें कि सांसद धर्मबीर सिंह ने नियम 377 के तहत केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं जल्द शुरू करने का मामला पिछले लोकसभा सत्र में उठाया था। इस पर केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने सकारात्मक जवाब देते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय की तरफ से जल्द-से-जल्द प्रस्ताव भिजवाने की बात कही थी। अब सांसद धर्मबीर सिंह ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि विश्वविद्यालय की तरफ से जल्द से जल्द एक प्रस्ताव भेजा जाए। जिसमें राष्ट्रीय स्तर के हॉकी, कुश्ती, कबड्डी एवं बॉक्सिंग की दो रिंग बनवाने की बात हो। सांसद धर्मबीर सिंह ने ये भी कहा है कि कुश्ती और कबड्डी के मैदान मैट वाले बनवाए जाएंगे, जिससे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों की तैयारी हो सके। सांसद धर्मबीर सिंह ने अपने पत्र के साथ केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री का पत्र भी संलग्न किया है तथा प्रस्ताव की एक कॉपी सांसद कार्यालय को भी भेजने की बात कही है।

विकास एवं निगरानी समिति सदस्य संदीप मालड़ा ने बताया कि इसी वर्ष जून में पाली गांव के सरपंच देशराज फौजी के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन गांवों के सरपंचों को साथ लेकर सांसद धर्मबीर सिंह से भिवानी निवास पर मुलाकात की थी तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधायें शुरू कराने का मांग पत्र सौंपा था।

अभी तक जिले में खिलाड़ियों के लिए नहीं है कोई िवशेष सुविधा महेंद्रगढ़ िजले में अभी तक िखलाड़ियों के िलए कोई विशेष सुविधा नहीं है। िजला स्तर पर नारनौल में एक स्टेडियम में है। उसमें कोई िवशेष सुविधा नहीं है। इसी तरह से महेंद्रगढ़ में बनाया गया िमनी स्टेडियम की हालत बद से बदतर बनी हुई है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी यहां न िकसी के खेल को प्रमोट करने की कोई व्यवस्था है, न कोच की सुविधा है। वो बात अलग है िक खेल िवभाग ने स्कूलों में खेल नर्सियां चलाने का दम भर रहा है, लेकिन आज तक इन खेल नर्सियों से भी कोई बेहतर परिणाम नहीं आए हैं। इससे िजले के िखलाड़ियों को भारी निराशा िमल रही है।

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