इस साल कब से शुरू हो रहा है खरमास? जानिए इस दौरान क्यों नहीं किए जाते हैं मांगलिक कार्य

Kharmas 2023: ग्रहों के राजा सूर्य देव जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है। फिर एक माह के बाद सूर्य जब मकर राशि में आते हैं तो खरमास समाप्त होता है। हिंदू धर्म में खरमास को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस एक माह की अवधि को मांगलिक कार्य करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस साल 16 दिसंबर 2023 को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं और 15 जनवरी 2024 तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद जब 15 जनवरी 2024 को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इसके बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है खरमास और इस दौरान कौन से कार्य नहीं करनी चाहिए… 

खरमास का मुहूर्त
16 दिसंबर 2023 की शाम 3 बजकर 58 मिनट पर सूर्य देव वृक्ष्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद से खरमास शुरू हो जाएगा और एक माह तक के लिए सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। 

खरमास में क्यों नहीं किए जाते हैं मांगलिक कार्य?
ज्योतिष शास्त्र में मान्यता है कि सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो वह अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं। इस दौरान उनका प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। 

खरमास में न करें ये काम

  • खरमास के दौरा मांगलिक कार्यों की मनाही होती है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें। 
  • इस दौरान बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए। 
  • खरमास के दौरान के दिनों में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों के अलावा खरमास में नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि नहीं खरीदना चाहिए। 
  • इस दौरान गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए।  
  • साथ ही खरमास की अवधि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। 

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