गोगामेड़ी से रेप केस का बदला चाहता था एक शूटर : ​​​​​​​दूसरे को कनाडा भेजने का लालच दिया, इसलिए 50 हजार लेकर कर दी हत्या

जयपुर । श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कराने के लिए नेपाल में बैठे वीरेंद्र चारण ने रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को सुपारी दी थी। वर्चस्व और कई तरह के विवादों के चलते सुखदेव की हत्या कराई गई। सुखदेव की हत्या के लिए लॉरेंस ने संपत नेहरा, संपत ने रोहित गोदारा और रोहित ने वीरेंद्र चारण को टास्क दिया। वीरेंद्र ने भवानी सिंह उर्फ रॉनी को पहले तैयार किया था। जो अपने साथी सुमित और राहुल के साथ पुलिस की पकड़ में आ गया। इसके बाद नवीन के जरिए रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को तैयार किया। नितिन फौजी को लालच दिया गया कि सुखदेव को मार दिया तो उसे पत्नी के साथ कनाडा में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वह संपत नेहरा व रोहित गोदारा के नजदीक हो जाएगा। वहीं, रोहित राठौड़ ने रेप केस का बदला लेने के लिए गोगामड़ी की हत्या कर दी।

कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया- सुखदेव की हत्या करने के लिए नवीन शेखावत ही रोहित और नितिन को लेकर सुखदेव के घर गया था। हत्याकांड में मारा गया नवीन पहले से वीरेंद्र चारण व रोहित गोदारा के संपर्क में था। ऐसे में बदमाशों ने शूटरों को गोगामेड़ी के घर में घुसाने के लिए नवीन का उपयोग किया। इसके लिए नवीन ने गाड़ी किराए पर ली थी। मिलने के बहाने दोनों को साथ ले गया। इसके बाद 5 दिसंबर को अजमेर रोड पर तीनों आपस मिले। सीधे गोगामेड़ी के घर पहुंच गए। गोगामेड़ी की हत्या कर दी।

पुलिस की गिरफ्त में हत्या का आरोपी नितिन फौजी।

पुलिस की गिरफ्त में हत्या का आरोपी नितिन फौजी।

ऐसे पकड़े गए हत्या करने वाले शूटर

कमिश्नर ने बताया- हत्या करने के बाद आरोपियों की लोकेशन हिसार में आई। टीम ने बदमाशों का मूवमेंट धारूहेड़ा व हिसार में होने के कारण दिल्ली क्राइम ब्रांच से संपर्क किया। जहां से इंस्पेक्टर राकेश कुमार टीम लेकर पहुंच गए। इसके बाद जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया। हिसार रेलवे स्टेशन से रोहित और नितिन के सीसीटीवी फुटेज निकाले गए। साथ ही गुड़गांव की जेल में भवानी सिंह से पूछताछ के बाद उधम सिंह का नाम सामने आया। इसकी लोकेशन के आधार पर टीम चंडीगढ़ पहुंची। दबिश देकर नितिन फौजी, रोहित राठौड़ और उधम सिंह को एक साथ पकड़ लिया। इसके बाद नितिन को सीधा जयपुर लाया गया, जबकि रोहित राठौड़ और उधम को क्राइम ब्रांच पहले दिल्ली ले गई। पूछताछ करने के बाद रविवार दोपहर में जयपुर लाकर पुलिस को सौंप दिया।

हिसार रेलवे स्टेशन पर रोहित और नितिन के सीसीटीवी फुटेज में दिखे।

हिसार रेलवे स्टेशन पर रोहित और नितिन के सीसीटीवी फुटेज में दिखे।

50 हजार में की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या

दिल्ली पुलिस के अनुसार रोहित और नितिन ने मात्र 50 हजार रुपए के लिए सुखदेव सिंह की हत्या की थी। अब पुलिस इस मर्डर में सहयोग करने वाले और सोशल मीडिया पर इन्हें फॉलो करने वालों को भी पकड़कर पूछताछ करेगी। हत्या के लिए हथियार बाड़मेर से मंगवाए गए थे। यह वही हथियार हैं, जो राजू ठेहट की हत्या में प्रयोग लिए गए थे। शूट आउट की प्लानिंग और ऑर्डर देने वाला निरंतर दोनों बदमाशों के सम्पर्क में था। इंटरनेट कॉलिंग के जरिए बदमाशों को आगे क्या करना है। इस की जानकारी दी जा रही थी।

जांच में सामने आया कि रोहित, नितिन और उधम होटल कमल रिजॉर्ट नाम के गेस्ट हाउस में चंडीगढ़ में छिपे थे। यहां तीनों आरोपी नाम बदलकर छिपे थे। आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड दविंदर कुमार, जयवीर सिंह और सुखबीर सिंह के नाम से बना रखे थे। इससे उनकी पहचान उजागर नहीं हो।

गोगामेड़ी की हत्या का प्लान बनाने वाला वीरेंद्र चारण सालों से फरार

एक लाख रुपए के इनामी बदमाश वीरेंद्र चारण ने नेपाल में रहकर भवानी के मार्फत नितिन और रोहित को सुखदेव की हत्या करने के लिए तैयार किया। इसने नवीन शेखावत के जरिए रोहित और नितिन को हत्या करने के लिए तैयार किया। हत्या के लिए वीरेन्द्र ने 50 हजार रुपए नवीन को भिजवाए। जांच में सामने आया है कि यह पैसा ऑनलाइन दिया गया। इस कारण पुलिस अब ऑनलाइन पैसा देने वाले तक पहुंचने के काफी नजदीक है।

पुलिस गिरफ्त में शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़।

पुलिस गिरफ्त में शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़।

रोहित राठौड़ को लेना था गोगमेड़ी से बदला

जांच में सामने आया है कि रोहित पर वैशाली नगर में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने पॉक्सो एक्ट (नाबालिग से रेप) का मामला दर्ज कराया। साल 2017 में दर्ज इस मामले में गोगामेडी ने लड़की वालों का साथ दिया। इसके कारण रोहित राठौड़ को कई समय तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि बाद में इस मामले में एफआर लग गई थी। रोहित गोगामेड़ी से इस का बदला लेना चाहता था। इसलिए वह पैसों के लिए हत्या करने के लिए तैयार हो गया।

कनाडा जाने का लालच दिया, इसलिए कर दी नितिन फौजी ने हत्या

वीरेंद्र चारण ने नवीन और भवानी सिंह की जरिए नितिन फौजी से सम्पर्क किया था। दरअसल, नितिन फौजी पहले भी भवानी सिंह के साथ गांव में एक व्यक्ति पर फायरिंग कर चुका था। नितिन फौजी के दिमाग में यह बिठा दिया गया था कि उसकी फायरिंग वाली घटना के बाद नौकरी नहीं रहेगी। आर्मी वाले उसे नौकरी से निकाल कर जेल में डाल देंगे। इससे अच्छा है कि वह एक हत्या कर दे तो उसे और उसके परिवार को कनाडा शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे उसे और परिवार को कोई परेशानी नहीं होगी। कनाडा जाने के लालच में नितिन भी वीरेन्द्र चारण के जाल में फंस गया।

हत्याकांड में सहयोगी रहे रामवीर और उधम सिंह

शूटर्स की मदद करने वाला रामवीर और नितिन फौजी गहरे दोस्त हैं। रामवीर व नितिन के गांव आस-पास हैं। दोनों आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल महेंद्रगढ़ में कक्षा 12वीं में एक साथ पढ़े थे। रामवीर जाट ने जयपुर में होटल समेत हर सुविधा आरोपियों को उपलब्ध कराई थी। महेश नगर,मानसरोवर ,जगतपुरा सहित कई जगहों पर रामवीर ने दोनों को रुकवाया। सुविधा मुहैया कराई थी। वहीं, सुखदेव हत्याकांड में रोहित और नितिन की फरारी कटवाने के लिए उधम सिंह ने हिसार से लेकर चंडीगढ़ तक रुपए, गाड़ी और होटल की व्यवस्था कराई। पुलिस ने रोहित, नितिन के साथ उधम को भी चंड़ीगढ़ से गिरफ्तार किया हैं।

दोनों शूटर्स ने 5 दिसंबर को गोगामेड़ी की घर में घुसकर हत्या की थी।

दोनों शूटर्स ने 5 दिसंबर को गोगामेड़ी की घर में घुसकर हत्या की थी।

करणी सेना के अध्यक्ष को घर में घुसकर गोलियां मारी थीं

5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:03 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।

गोगामेड़ी कौन थे

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इससे पहले लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे। विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था।

करणी सेना से अलग होकर बना था संगठन

साल 2006 में सबसे पहले करणी सेना बनी थी। बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है। वहीं सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम का संगठन संभाल रहे थे।

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