- 15 दिन में किसानों को खरीदने होंगे कृषि यंत्र
- पोर्टल पर अपलोड करने होंगे कृषि यंत्रों के बिल
- कमेटी करेगी कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन
कृषि विभाग की ओर से कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए जिले में 116 किसानों को परमिट का पात्र पाया गया है।
यह जानकारी देते हुए नारनौल के सहायक कृषि अभियन्ता इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि इस सन्दर्भ में जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति (डीएलईसी) द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर ने अनुमोदित कर दिया है। उन्होंने बताया कि कुल 204 किसानों ने अनुदान के लिए आवेदन किया था। दस्तावेजों का निरीक्षण करने पर 116 आवेदकों को परमिट जारी करने का पात्र पाया गया।
इन कृषि यंत्रों के लिए मांगे थे आवेदन
सहायक कृषि अभियन्ता इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि विभाग द्वारा कपास बीजाई मशीन , ट्रैक्टर चालित स्प्रे पम्प , सीधी धान बीजाई मशीन , ट्रैक्टर चालित रोटरी वीडर (2 रो व 3 रो), 12 हॉर्स पावर से ज्यादा पावर टिलर , बरिकेट मेकिंग मशीन , स्व चालित 3 और 4 व्हील वाला रिपर बाईडर ,मक्का बीजाई मशीन , मक्का निकालने का थ्रेशर एवं नुमाटिक प्लांटर पर अनुदान के लिए मांगे गए थे आवेदन।
रीपर बाईंडर के लिए मिलेंगे सर्वाधिक परमिट
इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति (डीएलईसी) द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों के तहत रीपर बाईंडर नामक यंत्र के लिए सर्वाधिक 50 किसानों को परमिट का पात्र पाया गया है। उक्त स्वचालित यंत्र न सिर्फ गेंहु की फसल को काटता हैं वरन स्वतः उसकी छोटी-छोटी पुलिया बांध देता हैैैं। जिले में इस यंत्र की बहुत उपयोगिता हैं। इसी प्रकार कपास बिजाई मशीन के लिए 26, ट्रेक्टर चालित स्प्रे पम्प के लिए 33, रोटरी वीडर के लिए 4, पॉवर टिलर के लिए 2, और मक्का बिजाई मशीन के लिए एक किसान को परमिट का पात्र पाया गया हैं।
15 दिन में खरीदना होगा कृषि यंत्र
इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि जिन किसानों को परमिट का पात्र पाया गया है वे किसान नारनौल के सहायक कृषि अभियन्ता कार्यालय से अपना परमिट ले लें। इसके लिए आवेदक को खुद परमिट लेने आना होगा। उन्होंने बताया कि परमिट जारी होने की तिथि के 15 दिन के अन्दर-अन्दर संबंधित किसानों को कृषि विभाग द्वारा अनुमोदित निर्माता / डीलर से यंत्र खरीद कर उसका बिल, ई-वे बिल, यंत्र के साथ ली गई फोटो पोर्टल इंट्रा डॉट एग्रीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर निर्धारित तिथि तक अपलोड करनी होगी। इसके लिए वे उक्त पोर्टल लगातार देखते रहें।
कमेटी करेगी यंत्रों का भौतिक सत्यापन
इंजीनियर यादव ने बताया कि पोर्टल इंट्रा डॉट एग्रीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर निर्धारित तिथि तक बिल, ई-वे बिल, यंत्र के साथ ली गई फोटो अपलोड होने के बाद कृषि यंत्रों का खंड अनुसार भौतिक सत्यापन किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति (डीएलईसी) के अध्यक्ष उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर ने कृषि यंत्रों के भौतिक सत्यापन के लिए कमेटी के गठन को स्वीकृति प्रदान कर दी जिसमे संबन्धित खंड का खंड कृषि अधिकरी एवं सहायक कृषि अभियन्ता कार्यालय से कृषि विकास अधिकरी ( कृषि यंत्र) /कनिष्ठ अभियन्ता शामिल होंगे ।
खंड स्तर पर होगा कृषि यंत्रो का भौतिक सत्यापन
इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन खंड स्तर पर जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा। किसानों को भौतिक सत्यापन के लिए तिथि, स्थान एवं समय के बारे में पूर्व में सूचित किया जाएगा। निर्धारित तिथि को किसानों को अपना कृषि यंत्र लाना होगा। सफल भौतिक सत्यापन के बाद बजट की उपलब्धता के आधार पर किसानों के खातों में अनुदान राशि डालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। किसान को भौतिक सत्यापन के दौरान परमिट में दर्शायें गए कागजात जैसे यंत्र के साथ फोटो, मूल बिल, ई वे बिल आदि दस्तावेज साथ लाने होगें। इंजीनियर यादव ने बताया कि स्कीम के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान किसी भी कार्य दिवस के दौरान सहायक कृषि अभियन्ता, रेवाडी रोड़, नारनौल के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।