- मुख्य सचिव संजीव कौशल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए निर्देश
अटल भूजल योजना के तहत जिला महेंद्रगढ़ में 10.50 करोड़ की योजनाओं पर चल रहा काम
- मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल अभियान के तहत खेत का पानी खेत में रखने पर जोर
नारनौल , कानोड़ न्यूज । जिला में जल स्तर बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार विभिन्न मोर्चों पर एक साथ कार्य कर रही है। ऐसे में अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि विभिन्न योजनाओं के तहत जल संरक्षण की दिशा में होने वाले कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए। यह निर्देश उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने आज हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 53वीं बैठक के बाद अधिकारियों को दिए।
डीसी ने कहा कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत अटल भूजल योजना के तहत जिला महेंद्रगढ़ में 10.50 करोड रुपए की योजना बनाई गई है जिनमें अधिकांश पर काम चल रहा है।
इसी प्रकार तालाबों के सौंदर्य करण के लिए अमृत सरोवर जैसी योजनाएं चलाई गई हैं। इस योजना के तहत जिला महेंद्रगढ़ में तालाब की साफ सफाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि तालाबों के लगातार पानी से भरे रहने के कारण पानी की रिचार्जिंग कम हो जाती है। ऐसे में तालाबों को साल में एक बार पूरी तरह खाली करवाकर खुदाई करवाई जाएगी। इसके लिए पंचायत विभाग बड़ी योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत तालाबों को एक बार खाली करने और उनकी मिट्टी निकालने का कार्य किया जाएगा। तालाब साफ होंगे तो पानी की रिचार्जिंग होगी और वर्षा होने पर गांवों में जल भराव की समस्या से निजात मिलेगी।
इसी प्रकार बारिश का पानी सहेजने के लिए इस बार मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल अभियान के तहत खेत का पानी खेत में ही रखने का कार्य किया जाएगा। इसमें किसान अपने खेतों में छोटे छोटे गड्ढे बनाकर या खेतों की मेढ को ऊंचा करके पानी को रोकेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि दूसरी ओर जल शक्ति अभियान के तहत जिला महेंद्रगढ़ में भूजल रिचार्ज के लिए सरकारी भवनों में रिचार्ज बोरवेल बनाए गए हैं तथा पुराने रिचार्जिंग बोरवेल को साफ किया गया है। वही सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी को एसटीपी के माध्यम से रीसाइक्लिंग करके इसका भी दोबारा उपयोग खेती के कार्य में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिला महेंद्रगढ़ में विभिन्न बांधों के जरिए भी पानी का संरक्षण किया जाएगा। जिला के गांव मूसनोता में जल संरक्षण के लिए एक बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। इसके अलावा कई छोटे-छोटे बांध भी बनाए जा रहे हैं।
इस दौरान सिंचाई विभाग के एसई राजेश कुमार खत्री, डीएफओ रोहतास सिंह व एक्सईएन नितिन भार्गव के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
ऐसे होगा जल स्तर में सुधार
नारनौल। उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने बताया कि अटल भू जल योजना के ज़िला में फिलहाल लगभग 10.50 करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं। इनमें कई बड़े कार्य हैं। ये पूरे होने के बाद जलस्तर में काफी सुधार होगा।
1.शहर से सिंघाना बाईपास से आगे बड़ा नाला बनाया जा रहा जिस पर लगभग 35 लाख रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है।
2.नारनौल शहर को बाढ़ से बचाने के लिए रेलवे फाटक नंबर 47 से कृष्णावती नदी तक गाईड बांध एवं ड्रेन का पुनरुद्धार करने का कार्य किया जा रहा है जिस पर लगभग 53 लाख रुपए की खर्च राशि खर्च होने का अनुमान है।
3.गांव कारौली से नारनौल डैम तक बरसाती पानी एवं हसनपुर रजवाहा के किलोमीटर 15.170 से नहर का फालतू पानी लाने की योजना है जिस पर लगभग 34.59 लाख रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है।
4.हमीदपुर बांध से गांव बदोपुर की खदानों तक कच्ची ड्रेन खोदकर बरसाती एवं नहरी पानी ले जाने की योजना तैयार की गई है जिस पर लगभग 1.51 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है।
5.शाहबाजपुर रजवाहा के किलोमीटर 11.850 से बरसात के समय में फालतू पानी को कृष्णावती नदी में डालकर भूमिगत जल स्तर में बढ़ोतरी करने के लिए 450 एमएम व्यास की पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा जिस पर 40.70 लाख रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है।
6.गांव मेघोतहाला के बरसाती नाले का पुनरुद्धार करने एवम् शहबाजपुर रजवाहा के किलोमीटर 17.340 से बरसात के मौसम में फालतू पानी छोड़ कर भूमि का जल स्तर में सुधार किया जाएगा जिस पर 8 लाख रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है।
7.महरमपुर में 450 एमएम आरसीसी पाइप लाइन दबाकर दोहान नदी में पानी छोड़ा जाएगा जिससे कि भूमिगत जल स्तर में सुधार हो सके इस कार्य पर लगभग 8.15 लाख रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है।