मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना : दूसरे दिन 106 लाभार्थियों ने किया विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन

  • कल नांगल चौधरी के राजकीय कालेज में लगेगा अंत्योदय मेला

नारनौल, कानोड़ न्यूज । मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत लघु सचिवालय के नजदीक स्थित सभागार भवन में लगे दो दिवसीय अंत्योदय मेले के अंतिम दिन 106 लाभार्थियों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन किया। अगला अंतोदय मेला 28 वो 29 जून को नांगल चौधरी में लगेगा । जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने आवेदन करवाने में आवेदकों की सहायता की।

श्री शर्मा ने बताया कि नांगल चौधरी के राजकीय कालेज में 28 व 29 जून को लगने वाले अंत्योदय मेले के लिए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई है। इससे पहले इस खंड के सभी लाभार्थियों को फोन करके सूचित कर दिया गया है। इसके अलावा योजना के लाभार्थियों को इनके घर द्वार पर पहले ही जाकर योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई थी। घर पर काउंसलिंग करने का मकसद यही था कि मेले में आने से पहले ही वे सभी प्रकार के कागजात तैयार करके लाएं और योजनाओं के बारे में अच्छी तरह से जान लें। अगर फिर भी किसी प्रकार की कागजात में कमी रह जाती है तो अधिकारी मौके पर ही उनकी कागजात पूरे करने में सहायता कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से शुरू हुई यह योजना इन परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए कारगर साबित होगी। इन नागरिकों की प्रशासन द्वारा आय की वेरिफिकेशन की गई है। सरकार का मकसद है कि इन न्यूनतम आय वाले परिवारों को कम से कम सालाना एक लाख 80 हजार रुपए की आय सुनिश्चित की जाए। किसी मकसद से यह मेले आयोजित किए जा रहे हैं। यह मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का तीसरा चरण है। मेले में आने वाले प्रत्येक लाभार्थी से उसे उसके हुनर के बारे में पूछा जाता है। अगर लाभार्थी अपने हुनर को और आगे बढ़ाना चाहता है तो उसे प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के साथ ही ऊंचे विभिन्न बैंकों के माध्यम से आसान किस्तों में लोन भी मुहैया करवाया जा रहा है। इस तरह के अभियान से इन गरीब परिवारों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलेगी तथा उनका आर्थिक उत्थान होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कृतिश कुमार, एलडीएम विजय सिंह, रतन शर्मा, सुरेश कुमार, हनुमान सिंह, एसीपीओ बलजीत सिंह के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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