स्वतंत्र भारत में देश के लिए पहला बलिदान श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था : सत्यव्रत शास्त्री

नारनौल, कानोड़ न्यूज । देश आज जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष पंडित डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मजयंती मना रहा है भारतीय जनता पार्टी ने हर बूथ पर इस कार्यक्रम को करने की योजना बनाई। देशभर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिवस को राष्ट्रहित में किए गए कार्य के रूप में याद किया जाता है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन स्वतंत्र भारत के लिए  जम्मू कश्मीर को भारत से अलग रखकर विशेष दर्जा देने के खिलाफ आंदोलन चलाए गए। उस आंदोलन के कारण उनका बलिदान हुआ। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान से पूर्व भारत के किसी भी नागरिक को जम्मू कश्मीर क्षेत्र में प्रवेश करना होता था तो उसके लिए परमिट की आवश्यकता होती थी लेकिन देश की पहली सरकार के उद्योग मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इस व्यवस्था का विरोध किया और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

स्वतंत्रता के बाद जम्मू-कश्मीर के विलय के लिए जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राजा हरि सिंह ने भारत में विलय के लिए हस्ताक्षर किए थे और इसलिए जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देना भारत के अखंडता को चुनौती देना है। एक देश में एक निशान एक विधान और एक प्रधान होना चाहिए और इसलिए मैं भारत का नागरिक होने के कारण जम्मू कश्मीर में बिना परमिट के जाऊंगा।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने पूर्व घोषित योजना के अनुसार एक यात्रा के रूप में कार्यक्रम की शुरुआत की जब यह यात्रा पंजाब की सीमा से जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने लगी तो उस समय उनके साथ चलने वाले लोगों को उन्होंने वापस कर दिया और अकेले जम्मू कश्मीर की सीमा में चले। तत्कालीन जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और हिरासत में लेकर उनको जेल में डाल दिया जिस स्थान पर उनको रखा गया वहां किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी। जम्मू कश्मीर की तत्कालीन सरकार के मुखिया श्यमा प्रसाद मुखर्जी के इस कदम से नाराज थे और एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रात को उनकी हत्या कर दी गई। सरकार ने पहले सूचना दी कि उनको पेट दर्द है लेकिन सुबह सूचना दी गई कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई। वास्तव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की यह कोई स्वाभाविक मौत नहीं थी एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनकी हत्या की गई।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का यह बलिदान स्वतंत्र भारत का पहला बलिदान था और उनके बलिदान ने जम्मू कश्मीर के इस परमिट व्यवस्था को समाप्त कर दिया। आज जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 51 को समाप्त कर देश की मूल संवैधानिक व्यवस्था के अंदर ले आना भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान सरकार ने जनसंघ के प्रथम संस्थापक अध्यक्ष का जो बलिदान देश के लिए हुआ उसके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करना है।

 सत्यव्रतशास्त्री ने कहा स्वतंत्र भारत में जनसंघ के प्रथम अध्यक्ष बलिदान ने आज राष्ट्र को राष्ट्रहित में निरंतर काम करने वाली एक टीम दी है।

Leave a Reply

Show Buttons
Hide Buttons
error: Content is protected !!