महेन्द्रगढ़, कानोड़ न्यूज । जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जिले में पेयजल की कैमिकल जांच करने पहुंची वाटर टैस्टिंग मोबाइल वेन ने आज सतनाली खंड का दौरा कर गांव-गांव जाकर पीने के पानी की जांच की।
यह जानकारी देते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि खंड महेन्द्रगढ़ के गांवों डुलाना की जांच करने के बाद आज मोबाइल लैब सतनाली खंड के गांवों की जांच करने के लिए बलाना, ढाढोत, सोहला, माधोगढ़, गादड़वास, डालनवास व सुरहेती पहुंची।
लैब कैमिस्ट साहिल पुरूथि ने बताया कि सरकार द्वारा गांवों के पीने के पानी की जांच के लिए जो मोबाइल वेन भेजी जा रही है वह जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रति काफी विश्वास भी पैदा करेगी व पीने के पानी की शुद्धता के प्रति भी ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मोबाइल वेन साल में कम से कम एक बार सभी गांवों के स्रोतों का पानी की कैमिकल व जीवाणु जांच अवश्य करवानी चाहिए। लैब अटेडेंड सन्नी सिंह ने जांच के बाद बताया कि फलोराइड व टीडीएस के अलावा सभी तत्व बीआईएस के मानकों के अनुसार स्वीकार्य सीमा के तहत ही पाए गए।
जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि सतनाली के बलाना, ढाढोत, सोहला, माधोगढ़, गादड़वास, डालनवास व सुरहेती ग्राम पंचायतों के पीने के पानी की जांच की गई। इसके अलावा के श्यामपुरा, नावां, बारडा, डिगरोता, नांगल माला, राजावास गांवों की जांच 7 जुलाई को की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वैन एक दिन में 7 ग्राम पंचायतों की विजिट करके एक ग्राम पंचायत से एक सैंपल की जांच की जाती है। सैंपल फेल होने की स्थिति में रि-सैंप्लिंग के लिए राज्य स्तरीय लैब करनाल में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि पानी की एक-एक बूंद कीमती है। इसके संरक्षण के साथ-साथ इसकी शुद्धता की परख भी हर नागरिक को होनी चाहिए। नारनौल स्थित जिला लैब में हर ग्राम पंचायत के पीने के पानी के स्रोत की जांच हर 6 महीने में कम से कम एक बार अवश्य करवानी चाहिए। इस मौके पर बीआरसी पूजा रानी, विजेन्द्र कुमार, अजीत सिंह आदि मौजूद रहे।