हरियाणा पंचायत चुनाव : पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं, 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व

चंडीगढ़, कानोड़ न्यूज । पंचायत चुनाव भी निकायों की तरह पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बिना होंगे। पंचायतों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। प्रदेश सरकार ने पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया था, लेकिन पंचायत चुनावों में इसे लागू नहीं किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मुद्दे पर स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं। हरियाणा में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन भी अभी तक नहीं हुआ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्णी के बाद प्रदेश सरकार आयोग का गठन करने का ऐलान कर चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में अधिक काम नहीं हुआ है।

आयोग का गठन होने के बाद वह सर्वे करेगा और अपनी सिफारिशें व रिपोर्ट सरकार को देगा। आयोग की सिफारिशों के बाद ही शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर फैसला हो सकेगा।पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण केवल सरपंच के पदों के लिए मिलेगा।

चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि आरक्षण को लेकर तुरंत फैसला किया जाए ताकि आयोग उसी हिसाब से चुनावों की तैयारियों को आगे बढ़ा सके। इसी तरह से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण का फैसला करने को कहा गया है।

विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा फार्मूला तय करके महिलाओं के आरक्षण को लेकर निर्णय लिया जाना है। वहीं, राज्य चुनाव आयोग ने सभी उपायुक्तों से कहा है कि वे ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग करवा लें। ईवीएम के साथ पावर बैकअप सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि चुनाव के दौरान बैटरी आदि की कोई दिक्कत न आए।

जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग करवाएं। बाद में यही मास्टर ट्रेनर पंचायत चुनावों में ड्यूटी पर लगने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे। राज्य चुनाव आयोग की कोशिश है कि सितंबर के आखिर तक पंचायत चुनावों को संपन्न करवा लिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश भी सभी राज्यों व राज्य चुनाव आयोगों को आए हुए हैं। इनकी पालना के चलते ही आयोग ने सरकार को पत्र लिखा है। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे पंचायत चुनाव की तैयारियां करें। हमारी कोशिश है कि सितंबर के आखिर तक चुनाव करवाए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट की भी निकाय व पंचायत चुनावों में हो रही देरी को लेकर सख्त टिप्प्णी आ चुकी है। उसकी पालना में ही सरकार को पत्र भी लिखा है। डीसी को कहा है कि वे चुनाव सामग्री का प्रबंध करें और मतदाता सूचियों के साथ मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग करवाएं।

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