डी.एल.एड. परीक्षा जुलाई-2022 का परीक्षा परिणाम आज घोषित- बोर्ड अध्यक्ष

  • वैदिक गणित की पुस्तकों का किया विमोचन

भिवानी, कानोड़ न्यूज । हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित डी.एल.एड. प्रवेश वर्ष-2019 व 2020 (नियमित व रि-अपीयर) तथा डी.एल.एड. प्रवेश वर्ष-2021 (प्रथम वर्ष नियमित) परीक्षाएं जुलाई-2022 का परिणाम आज घोषित किया जा रहा है। छात्र-अध्यापक अपना परीक्षा परिणाम बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर दिए गए लिंक से देख सकते हैं।
इस आशय कि जानकारी देते हुए बोर्ड अध्यक्ष प्रो०(डॉ.) जगबीर सिंह एवं सचिव श्री कृष्ण कुमार, ह.प्र.से. ने आज यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वार्षिक प्रणाली के तहत डी.एल.एड. प्रथम वर्ष-2021 (नियमित)परीक्षा में 11319 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, जिनमें से 4295 उत्तीर्ण रहे एवं 7024  छात्र-अध्यापक की रि-अपीयर आयी है, जिनकी पास प्रतिशतता 37.95 रही है। इस परीक्षा में 5926 छात्र-अध्यापिकाओं में से 2552 छात्र-अध्यापिका उत्तीर्ण हुई है, जिनकी पास प्रतिशतता 43.06 रही है तथा 5393 छात्र-अध्यापकों में से 1743 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 32.32 रही है।
उन्होंने आगे बताया कि इसी प्रकार डी.एल.एड. द्वितीय वर्ष-2020(नियमित)परीक्षा में 13763 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, जिनमें से 7955 उत्तीर्ण रहे एवं 3219 छात्र-अध्यापकों की रि-अपीयर आयी है, जिनकी पास प्रतिशतता 57.80 रही है। इस परीक्षा में 8557 छात्र-अध्यापिकाओं में से 5306 छात्र-अध्यापिका उत्तीर्ण हुई है, जिनकी पास प्रतिशतता 62.01 रही है तथा 5206 छात्र-अध्यापकों में से 2649 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 50.88 रही है।
उन्होंने बताया कि डी.एल.एड. प्रथम वर्ष-2020(रि-अपीयर) परीक्षा में 2133 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, जिनमें से 1184 उत्तीर्ण रहे एवं 920 छात्र-अध्यापक फेल रहे, जिनकी पास प्रतिशतता 55.51 रही है। इस परीक्षा में 1170 छात्र-अध्यापिकाओं में से 670 छात्र-अध्यापिका उत्तीर्ण रही है, जिनकी पास प्रतिशतता 57.26 रही है तथा 963 छात्र-अध्यापकों में से 514 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 53.37 रही है।


उन्होंने आगे बताया कि डी.एल.एड. प्रथम वर्ष-2019 (रि-अपीयर) परीक्षा में 298 छात्र-अध्यापक  प्रविष्ट हुए जिनमें से 149 उत्तीर्ण रहे एवं 149 छात्र-अध्यापकों का परीक्षा परिणाम नॉट फिट फॉर डिप्लोमा रहा, जिनकी पास प्रतिशतता 50 रही है। इस परीक्षा में 194 छात्र-अध्यापिकाओं में से 99 छात्र-अध्यापिका उत्तीर्ण हुई हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 51.03 रही है तथा 104 छात्र-अध्यापकों में से 50 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 48.08 रही है।
उन्होंने बताया कि डी.एल.एड. द्वितीय वर्ष-2019 (रि-अपीयर)परीक्षा में 556 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए जिनमें से 425 उत्तीर्ण रहे एवं 131 छात्र-अध्यापकों का परीक्षा परिणाम नॉट फिट फॉर डिप्लोमा रहा, जिनकी पास प्रतिशतता 76.44 रही है। इस परीक्षा में 340 छात्र-अध्यापिकाओं में से 268 छात्र-अध्यापिका उत्तीर्ण हुई है, जिनकी पास प्रतिशतता 78.82 रही है तथा 216 छात्र-अध्यापकों में से 157 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनकी पास प्रतिशतता 72.69 रही है।
बोर्ड सचिव ने बताया कि परीक्षा की संस्थावार परिणाम शीट्स (Performance Sheets) संस्थाओं की लॉगिन आईडी पर भेजी जाएगी तथा परीक्षा में रि-अपीयर/फेल रहे छात्र-अध्यापकों के आगामी परीक्षा हेतु आवेदन-पत्र भी सम्बन्धित संस्था की लॉगिन आईडी पर उपलब्ध पैनल के माध्यम से ऑनलाइन भरे जाएगें।
उन्होंने आगे बताया कि डी.एल.एड. (रि-अपीयर/फेल) छात्र-अध्यापक के लिए परीक्षा शुल्क 800/- रूपये प्रति विषय है, एक से अधिक विषयों में रि-अपीयर/फेल परीक्षा शुल्क प्रति विषय 200/- रूपये अतिरिक्त होगा व अधिकतम परीक्षा शुल्क 2000/- रूपये प्रति छात्र-अध्यापक होगा।
उन्होंनेे बताया कि आगामी परीक्षा जनवरी-2023 के लिए रि-अपीयर/फेल रहे छात्र-अध्यापकों के ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने की तिथियाँ बिना विलम्ब शुल्क 10 से 16 अक्तूबर, 2022, 100/- रूपये प्रति छात्र-अध्यापक विलम्ब शुल्क सहित 17 से 23 अक्तूबर,  300/- रूपये विलम्ब शुल्क सहित 24 से 30 अक्तूबर तथा 31 अक्तूबर से 07 नवम्बर , 2022 तक 1000/- रूपये विलम्ब शुल्क सहित निर्धारित की गई हैं।
इस अवसर पर बोर्ड अध्यक्ष ने वैदिक गणित की कक्षा 6 से 10वीं तक की पुस्तकों का अनावरण किया गया। हरियाणा के प्रत्येक खण्ड के तीन विद्यालयों में वैदिक गणित की 100-100 पुस्तकें भेजी जाएगी। इस पुस्तक की मुख्य बात यह है कि यह गणित में विद्यार्थियों के डर को दूर करेगी और उनकी गणना करने की गति बढ़ जाएगी। इस पुस्तक के माध्यम से विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर पाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि वैदिक गणित के सूत्रों के द्वारा विद्यार्थियों की बुद्धि का विकास भी तेजी से होगा। वैदिक गणित की पुस्तक में त्रिकोणमिती के कई सूत्र एक ही सूत्र से लिखे जा सकते है और जिससे इन सूत्रों को रटने की आवश्यकता नहीं होगी।  

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