Haryana Panchayat Elections 2022 : हरियाणा में पंचायत चुनावों का हुआ ऐलान, दो चरणों मे होंगे चुनाव

  • पहले चरण में महेंद्रगढ़ समेत 10 जिलों में 30 अक्टूबर को होगा मतदान

चंडीगढ़ । राज्य निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के पंचायत चुनावों का ऐलान कर दिया है। इसके लिए पंचकूला में राज्य के मुख्य इलेक्शन अफसर धनपत सिंह की कान्फ्रेंस कर जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पहले चरण में भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला, पानीपत और यमुनानगर में चुनाव होंगे। 14 अक्टूबर से यहां नामांकन शुरू हो जाएंगे। जो 19 अक्टूबर तक चलेंगे। 20 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की पड़ताल होगी। 21 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे।

इसके बाद जिला परिषद और पंचायत समितियों के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा। सरपंच और पंचों का चुनाव 2 नवंबर को होगा। पंच-सरपंचों के मतदान की मतगणना वहीं पर वोटिंग के दिन हो जाएगी। जिला परिषद और पंचायत समितियों की मतगणना बाकी जिलों में चुनाव खत्म होने के बाद ही होगी। बाकी जिलों के लिए थोड़े दिन बाद घोषणा की जाएगी।

आयोग 11-11 जिलों में दो-दो चरणों में नवंबर के दूसरे हफ्ते में चुनाव करवाने की तैयारी में है। जिसके बाद 21 माह की देरी से नवंबर में गांवों की सरकार का गठन होगा। पहले अचानक आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की वजह से सरकार ने घोषणा से पैर पीछे खींच लिए थे।

21 महीने की देरी से चुनाव हरियाणा में 21 माह की देरी से नवंबर में गांवों की सरकार का गठन होगा। इससे पहले 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर फरवरी 2021 में पंचायतों काे भंग कर BDPO को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले 2016 में भी चुनाव 6 माह देर से हुए थे, पर सबसे ज्यादा देरी इसी बार हुई है।

चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता

  • जिला परिषद के मेंबर के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं रखी गई है। महिला और SC वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 8वीं पास और SC महिला के लिए 5वीं पास होना जरूरी है।
  • पंचायत समिति के मेंबर के चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं, महिला और SC वर्ग के लिए 8वीं पास होना जरूरी है।
  • सरंपच चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं, महिलाओं और SC वर्ग के लिए के 8वीं पास जरूरी है।
  • पंच के पद के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं और महिलाओं एवं SC वर्ग के लिए 8वीं पास होना जरूरी है।
  • बैकवर्ड क्लासेज A के लिए शैक्षणिक योग्यता अनारक्षित वर्गों की तरह ही रहेंगी।

सिक्योरिटी डिपॉजिट : पंच के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट 250 रुपए और महिला, SC वर्ग और बैकवर्ड क्लास के लिए 125 रुपए है। सरपंच के लिए सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपए है। रिजर्व कैटेगरी के लिए यह 250 रुपए है। पंचायत समिति मेंबर के लिए 750 और रिजर्व के लिए 325, जिला परिषद मेंबर के सामान्य वर्ग के लिए 1000 रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 500 रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट रहेगा।

चुनाव खर्च लिमिट : पंच के लिए 50 हजार रुपए, सरपंच के लिए 2 लाख रुपए, पंचायत समिति मेंबर के लिए 3.60 लाख रुपए और जिला परिषद मेंबर के लिए 6 लाख की खर्च लिमिट रखी गई है।

सुरक्षा : हर पोलिंग बूथ पर सुरक्षाकर्मी रहेंगे। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों में एक से 2 ज्यादा कर्मचारी रहेंगे।

EVM : सरपंच, पंचायत समिति और जिला परिषद मेंबर के लिए EVM इस्तेमाल होंगी। यह ईवीएम पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल हो चुकी है। इनमें वीवीपैट की सुविधा नहीं होगी। पंचों के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा। 17628 बैलेट बॉक्स और 35 हजार EVM की व्यवस्था की जा चुकी है।

NOTA ज्यादा तो चुनाव रद : अगर किसी जगह NOTA के वोट दूसरे कैंडिडेट से ज्यादा आए तो वहां चुनाव रद होगा। दूसरी बार चुनाव करवाते वक्त पिछले कोई भी कैंडिडेट चुनाव नहीं लड़ सकेगा।

चुनाव आयोग की घोषणाएं

  • इस चुनाव में 64 लाख 32 हजार 609 पुरुष मतदाता, 56 लाख 10 हजार 272 महिला और 192 थर्ड जेंडर मतदाता वोटिंग करेंगे।
  • चुनाव संपन्न करवाने के लिए 38 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
  • जिला परिषद सदस्य की 411, पंचायत समिति सदस्यों की 3081, सरपंच की 6,220 और पंचायत सदस्यों की 61,993 सीटों पर चुनाव होगा।
  • सरपंच के चुनाव सीधे होंगे। पंचायत समितियों और जिला परिषद के सदस्य आगे चेयरमैन चुनेंगे।

21 महीने की देरी से चुनाव हरियाणा में 21 माह की देरी से नवंबर में गांवों की सरकार का गठन होगा। इससे पहले 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर फरवरी 2021 में पंचायतों काे भंग कर BDPO को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले 2016 में भी चुनाव 6 माह देर से हुए थे, पर सबसे ज्यादा देरी इसी बार हुई है।

चुनाव होंगे लेकिन रिजल्ट कोर्ट के फैसले पर निर्भर
हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनाव में बीसी-ए को 8% और महिलाओं को 50% आरक्षण प्रावधान किया था। इसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसकी वजह से चुनाव नहीं हो सके। इसकी सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट किया है कि वह चुनाव नए प्रावधान से करा सकती है, पर इसका रिजल्ट कोर्ट के आखिरी फैसले पर निर्भर रहेगा।

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