- औलाद सम्मान नहीं करे तो संबंधित एसडीएम को करें शिकायत, बुजुर्गों को है भरण पोषण का अधिकार
- शंकर कालौनी की एक वृद्धा की शिकायत पर डीसी मोनिका गुप्ता ने एसडीएम हर्षित कुमार को मार्क किया आवेदन
- अगर सम्पत्ति का इस्तेमाल रिश्तेदार कर रहे हैं तो रिश्तेदारों को भी देना होगा भरण पोषण
महेंद्रगढ़, विनित पंसारी । सरकार ने बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए सीनियर सिटीजन एक्ट के लिए बनाया हुआ है। अगर किसी की औलाद बुजुर्ग का सम्मान नहीं करती तथा उसे तंग करती है तो बुजुर्ग अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें। संबंधित एसडीएम को शिकायत करें। इसके बाद एसडीएम कोर्ट बच्चों को तलब करेगा। यह बात उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने आज महेंद्रगढ़ में लगे अपने कैंप कार्यालय के दौरान शंकर कालौनी की एक वृद्धा की शिकायत पर कही।
डीसी ने संबंधित शिकायत को एसडीएम हर्षित कुमार को मार्क करते हुए इस मामले में तुरंत आरोपियों को तलब करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अगर बच्चे मां-बाप का अनादर करते हैं तो वह उसके खिलाफ एसडीएम को शिकायत कर सकते हैं। ऐसे बुजुर्गों को भरण पोषण का अधिकार है।
उन्होंने बताया कि 60 साल या इससे अधिक उम्र वाले बुजुर्ग इस कानून के दायरे में आते है। इनमें जन्म देने वाले माता-पिता, गोद लेने वाले पेरेंट्स और सौतेले मां-बाप भी शामिल है।
अगर किसी बुजुर्ग के बच्चे ही नहीं हैं, तो वो भी मेंटीनेंस के लिए दावा कर सकते हैं, अगर उनकी प्रॉपर्टी या सम्पत्ति का इस्तेमाल रिश्तेदार कर रहे हैं। सम्पत्ति का इस्तेमाल करने वाले या उसके वारिस पर बुजुर्ग की देखभाल के लिए दावा किया जा सकता है।
डीसी ने बताया कि ऐसे मामलों की शिकायत के लिए हर राज्य में स्पेशल ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता एसडीएम रैंक का ऑफिसर करता है। एसडीएम को लिखित में आवेदन देकर ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है। शिकायत के लिए एसडीएम ऑफिस में जाना होगा। नाम, एड्रेस और जरूरी जानकारी के साथ आवेदन देना होगा। शिकायत की सुनवाई के दौरान बच्चों को कोर्ट बुलाया जाएगा।
ये है शिकायत
शंकर कॉलोनी महेंद्रगढ़ की रहने वाली वृद्धा ने उपायुक्त को बताया कि मेरा लड़का व मेरी पुत्रवधू तथा मेरा पति मुझे गाली देते हैं। मुझे मारते हैं और मुझे धक्के मारकर घर से बाहर निकालते है। इन्होंने मिलकर चोट मारी तथा जान से मारने की धमकी दी।