- पॉक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान
नारनौल , कानोड़ न्यूज । जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रजनीश बंसल के दिशा निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजलि जैन के मार्गदर्शन में आज जिला न्यायालय के एडीआर सेंटर में किशोर न्याय अधिनियम 2005, पोक्सो एक्ट व जमीनी स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए विशेष कानूनी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस मौके पर जिला बाल संरक्षण कार्यालय से बाल संरक्षण अधिकारी सुषमा यादव ने पोक्सो एक्ट व किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पॉक्सो अधिनियम बच्चों को बाल यौन अपराधों व यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है। पॉक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। बच्चो के विरुद्ध यौन अपराधों में बच्चों का यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी को शामिल किया गया है। बच्चों के साथ अश्लील हरकत करना, उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूना या बच्चों से अपने प्राइवेट पार्ट को टच करवाना, बच्चों को अश्लील फिल्म या पोर्नोग्राफिक दिखाना, बच्चों के शरीर को गलत इरादे से छूना या बच्चों के साथ गलत भावना से की गई सभी हरकते पॉक्सो अधिनियम के तहत रेप की श्रेणी में रखी गई है एवं इन सभी अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है।
इस मौके पर बाल संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरिता शर्मा ने घरेलू हिंसा व बाल विवाह के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को बाल विवाह की सूचना मिले तो उसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाना/चौकी, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर दें ताकि बाल विवाह को रोका जा सके।
इस मौके पर वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक वंदना यादव ने वन स्टॉप सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर किसी महिला के साथ हिंसा होती है तो उसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 181 पर दें उसको तुरंत सहायता मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वन स्टाप सेंटर में एक ही छत के नीचे महिलाओं को निशुल्क विधिक परामर्श एवं अधिकतम पांच दिन आश्रय देने का प्रावधान है।
जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य राजेश ने बताया कि अगर किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की समस्या है तो वह है इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दे। जिला समाज कल्याण कार्यालय से अन्वेषक गुरजीत सिंह ने विभाग की ओर से मिलने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता अजय कुमार पांडेय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मिलने वाली कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति एडीआर सेंटर में आकर निशुल्क कानूनी जानकारी ले सकता है।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।