दो बहनों की एक दूल्हे से शादी:लड़की की शर्त थी- उसी के साथ फेरे लूंगी, जो छोटी बहन का भी थामेगा हाथ

जयपुर @ कानोड़ न्यूज । एक दूल्हा और दो दुल्हनें…ऊपर जो तस्वीर नजर आ रही है, वो किसी फिल्म या टीवी सीरियल की नहीं है। एक ही मंडप में तीनों ने सात फेरे लिए। ये अनोखी शादी राजस्थान के टोंक जिले के उनियारा गांव में हुई। दोनों दुल्हनें आपस में सगी बहन हैं। शादी के कार्ड में भी दूल्हे के साथ दोनों बहनों के नाम थे।

दोनों बहनों ने एक ही व्यक्ति की शादी क्यों की? इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम जयपुर से 160 किलोमीटर दूर टोंक के उनियारा गांव पहुंची। वहां से 7 किलोमीटर मोरझाला की झोपड़ियां हैं। ढाणी (गांव से अलग खेत के बीच घर बनाकर रहना) में 15-20 घर ही हैं।

दूल्हे के बारे में पूछा तो आसपास के लोग बोले- आप उसे मुआवजा दिलाने आए हैं? हमने मना किया और आगे बढ़ गए। थोड़ी ही दूर पर दूल्हे का दो कमरों का मकान था। मकान में पलस्तर भी नहीं था। घर में पूरा परिवार अपने काम में लगा हुआ था। पीछे खेत में दूल्हा हरिओम ट्रैक्टर चला रहा था। परिवार वालों ने बताया- मीडिया वाले आए हैं तो हमसे बात करने के लिए आ गया।

हरिओम के हाथों और पैरों में अब भी मेहंदी का रंग था। दोनों बहनों से शादी करने की बात पूछी तो हंसने लगा। बोला कि बड़ी जिम्मेदारी ली है, निभानी तो पड़ेगी।

पढ़िए अनोखी शादी की कहानी दूल्हे हरिओम की जुबानी…

शादी का कार्ड, जिस पर दूल्हे हरिओम के साथ दोनों दुल्हनों कांता और सुमन का नाम लिखा है। यह शादी पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी।

शादी का कार्ड, जिस पर दूल्हे हरिओम के साथ दोनों दुल्हनों कांता और सुमन का नाम लिखा है। यह शादी पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी।

कार्ड पर थे दोनों दुल्हनों के नाम

हरिओम ने बताया कि हमने किसी से छिपकर या अचानक शादी नहीं की है। 5 मई को शादी हुई थी। कार्ड पर मेरा और दोनों बहनों कांता और सुमन का नाम लिखा हुआ था। इसके अलावा कार्ड पर लड़की पक्ष से लेकर ननिहाल पक्ष और पूरे परिवार के नाम भी लिखे हुए थे।

जीजा ने लड़की के रिश्ते की बात कराई

हरिओम ने बताया कि उसके जीजा रमेश ने रिश्ते की बात कराई थी। उन्होंने पिता राम प्रसाद मीणा को बताया था कि निवाई में सिदड़ा की ढाणी में उर्दू से बीएड लड़की है। तब परिवार के कुछ लोग कान्ता काे देखने के लिए गए। कांता ने शर्त रखी कि मैं उसी से शादी करूंगी, जो मेरी छोटी बहन से भी शादी करेगा। ये शर्त सुनकर एक बार मेरे परिवार के लोग चौंक गए। पहले तो उन्हें बोला कि ऐसा नहीं होता है। उन्होंने समझाने की कोशिश की, लेकिन कांता नहीं मानी।

कान्ता ने उन्हें बताया कि उसकी छोटी बहन सुमन दिमागी रूप से कमजोर है। उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। वह खुद उसकी देखभाल करती है। वह चाहती है कि जिंदगीभर उसकी देखभाल कर सके, इसलिए वो उसी लड़के से शादी करेगी, जो उसकी बहन से भी शादी करने के लिए तैयार होगा। इसके बाद मेरे परिवार ने कहा कि वे घर जाकर लड़के से बात करेंगे, अगर वह मान जाएगा तो शादी करेंगे।

शादी के बाद तीनों मंदिर में धोक लगाने के लिए भी गए।

शादी के बाद तीनों मंदिर में धोक लगाने के लिए भी गए।

कांता ने कई बड़े रिश्ते ठुकराए

घरवालों ने जब मुझे कांता की शर्त के बारे में बताया तो मैं चौंक गया। इसके बाद परिवार वालों ने शर्त के पीछे की वजह बताई तो मैं मान गया। कान्ता के लिए कई बड़े घरों के रिश्ते गए थे, लेकिन उसकी शर्त के कारण कोई भी तैयार नहीं हुआ। कान्ता अपनी छोटी बहन की देखभाल के साथ ही पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दे रही है।

एक ही मंडप में लिए तीनों ने फेरे

हमारी शादी 5 मई को हुई थी। हर कोई शादी में शामिल होना चाहता था। बारात में भी काफी दोस्त और सारे रिश्तेदार पहुंचे थे। पहले से ही दो बहनों की एक ही दूल्हे से शादी की बात आसपास के गांव में फैल गई थी। हमारी शादी के कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। कई लोग तो बिन बुलाए पहुंच गए थे।

मैंने एक ही मंडप में दोनों बहनों के साथ 7 फेरे लिए। शादी की सारी रस्में निभाईं। दोनों बहनों को खुश रखने की कसम ली। दोनों दुल्हनों को लेकर घर आया तो गांव के लोग भी काफी खुश थे। साथ लेकर घर आए तो गांव के लोग भी काफी खुश दिखाई दे रहे थे। मंदिर में भी तीनों एक साथ ही दर्शन करने के लिए गए थे।

नहलाने से लेकर सारे काम खुद करती है कान्ता

कान्ता सुबह जल्दी उठकर घर का काम संभाल लेती है। सुमन को नहलाने से लेकर उसके खाना खिलाने का काम भी वह खुद ही करती है। सुमन भी कान्ता के ही कहने पर ही कुछ काम करती है।

मैं अब सुमन को जयपुर में किसी अच्छे डॉक्टर के पास लेकर जाऊंगा। उसका पूरा इलाज कराऊंगा, ताकि उसकी मानसिक स्थिति में सुधार हो सके। अभी परिवार के लोग बाहर कहीं निकल जाते हैं तो सुमन परेशान हो जाती है। शोर भी मचाने लग जाती है। ऐसे में हमेशा सुमन के पास परिवार का कोई न कोई सदस्य रहता है। सुमन के लिए अभी परिवार के लोग नए हैं। जल्दी ही पहचान होने पर कुछ नॉर्मल हो जाएगी।

हरिओम ने बताया कि सुमन का ध्यान रखना होता है, इसलिए वे तीनों एक ही कमरे में रहते हैं।

हरिओम ने बताया कि सुमन का ध्यान रखना होता है, इसलिए वे तीनों एक ही कमरे में रहते हैं।

जीजू कह कर बुलाती है

शादी के बाद सबकुछ ठीक। दोनों पत्नियों से अच्छे रिश्ते हैं। परिवार में भी कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि सुमन अब भी मुझे जीजू कहकर ही बुलाती है। कान्ता ने उसे समझाया कि ये तेरे पति हैं, लेकिन वह जीजू ही बोलती है। सुमन का ध्यान रखना होता है, इसलिए हम तीनों एक ही कमरे में रहते हैं। सुमन की नींद कई बार अचानक खुल जाती है और वह परेशान हो जाती है।

शादी के बाद हर कोई मेरा मजाक उड़ा रहा है। दोस्त कहते हैं- हमारी एक शादी नहीं हुई, तूने दो कर ली। कहीं बाहर जाता हूं तो दोस्त रोक लेते हैं। मजाक उड़ाते हैं- लोग एक को नहीं संभाल पा रहे है तो तू दो कैसे संभालेगा। मैं उनसे कहता हूं- जिम्मेदारी ली है तो निभाऊंगा भी।

एक रुपए और नारियल में की शादी

शादी तय होने के बाद मुझे दहेज में रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने एक रुपए और नारियल लेकर शादी की। हालांकि लड़की पक्ष ने दो बेड, दो कूलर, दो अलमारी के अलावा एक फ्रीज, एक टीवी, एक सीडी डीलक्स बाइक के साथ कुछ बर्तन कन्या धन के रूप में दिए थे।

मैं सामान्य किसान परिवार से हूं। परिवार की भी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। पिता रामप्रसाद मीणा किसान हैं। हम पांच भाई बहन हैं। बड़े भाई हरीराम मीणा की भी शादी हो चुकी है। वे जयपुर में प्रॉपर्टी डीलर हैं। दोनों बहनों की भी शादी हो चुकी है। एक छोटा भाई कुलदीप भी है, जिसकी अभी शादी नहीं हुई है।

सामान्य किसान परिवार से हैं दो बहनें
कांता और सुमन का परिवार निवाई के सेंदडा के खातियों की ढाणी का रहने वाला है। पिता बाबूलाल मीना किसान हैं। चार बहनें और दो भाई हैं। सबसे बड़ी बहन की शादी पहले ही हो चुकी है। एक बहन सबसे छोटी है। दो बहनों से शादी करने की बात चली तो बाबूलाल ने पहले लड़के को देखा था। लड़का पसंद आने के बाद शादी की बात आगे बढ़ी। करीब एक महीने में दोनों पक्षों के बीच पूरी बातचीत हो जाने के बाद 5 मई का सावा निकाला गया था। कांता उर्दू से बीएड है और सुमन आठवीं तक पढ़ी हुई है।

अब समझिए दो शादियों को लेकर क्या कहता है भारत का कानून

दो बहनों के एक ही व्यक्ति से शादी का ये पहला मामला नहीं है। करीब पांच महीने पहले महाराष्ट्र के सोलापुर में दो जुड़वां बहनों ने भी एक ही व्यक्ति से शादी की थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दूल्हे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 494 के तहत केस दर्ज कर लिया था। टोंक का मामला सामने आने के बाद हमने एक्सपट्‌र्स से बात की और जानने की कोशिश की कि दो शादियों को लेकर कानून क्या कहता है…

सिर्फ लड़के पर ही केस क्यों?

महाराष्ट्र में दोनों बहनों की यानी लड़कियों की पहली शादी थी, लेकिन लड़के की नहीं। इसलिए केस सिर्फ लड़के पर दर्ज हुआ, दोनों लड़कियों पर नहीं। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि जब पहली बहन ने दूल्हे को वरमाला पहनाई तब उसकी वो पहली शादी थी। इसी तरह जब दूसरी ने लड़के को वरमाला पहनाई, तब उसकी भी पहली शादी थी। वहीं जब दूसरी बहन वरमाला पहना रही थी तो लड़के की शादी हिंदू धर्म के अनुसार, पहली बहन से हो चुकी थी।

क्या हिंदू लड़का या लड़की एक साथ दो शादियां नहीं कर सकते हैं?

बिल्कुल नहीं। हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत बिना तलाक के दूसरी शादी नहीं की जा सकती है। भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा- 494 के तहत एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर क्रिमिनल ऑफेंस का केस बनता है।

अगर पति या पत्नी के जिंदा रहते हुए पति-पत्नी में से कोई भी दूसरी शादी कर लेता है तो उस शादी को कानूनी मान्यता नहीं दी जाती है। इसके अलावा दोबारा शादी करने वाले पति या पत्नी को 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

क्या लिव-इन में एक व्यक्ति दो महिलाओं के साथ रह सकता है?

अगर व्यक्ति एक महिला से शादी कर लेता है और दूसरी के साथ पत्नी की इजाजत से लिव-इन में भी रहता, तो उस पर FIR दर्ज नहीं होती। लिव-इन-रिलेशनशिप में दो बालिग यानी एडल्ट आपसी सहमति से एक साथ रहते हैं। उनका रिश्ता पति-पत्नी की तरह होता है, लेकिन वो दोनों एक-दूसरे के साथ शादी के बंधन में नहीं बंधे होते हैं।

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