कुरुक्षेत्र @ कानोड़ न्यूज । ज्येष्ठ माह की अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) के दिन शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है। मान्यता है कि न्याय के देवता शनि देव का जन्म इसी दिन हुआ था। गायत्री ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डॉ रामराज कौशिक के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्य पुत्र शनि देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है। शनि जयंती के दिन श्रद्धाभाव से पूजा-पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए समर्पित होता है, लेकिन शनि जयंती का दिन भी शनि देव की पूजा के लिए बहुत खास होता है। शनि जयंती को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल शनि जयंती 19 मई 2023 को है। बता दें कि दक्षिण भारत में वैशाख महीने की अमावस्या के दिन 20 अप्रैल को शनि जयंती मनाई गई वहीं उत्तर भारत में ज्येष्ठ अमावस्या यानी 19 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी. शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं। ज्योतिष में शनि देव को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है।
इस बार शनि जयंती पर शोभन योग बन रहा है। शोभन योग 18 मई रात 07:37 से 19 मई शाम 06:16 तक रहेगा। शनि जयंती पर वट सावित्री का व्रत भी होगा और इस दिन शनि अपनी स्वराशि कुंभ में विराजित रहेंगे, जिससे कि शश योग का निर्माण होगा। शनि जयंती के दिन चंद्र और गुरु दोनों मेष राशि में रहेंगे, जिससे गजकेसरी योग भी बनेगा। इसके साथ ही शनि जयंती पर बुधादित्य योग, वाशी योग और सुनफा योग का भी निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में शनि देव की पूजा करने शुभ फल की प्राप्ति होगी।