Mahashivratri 2024 : 8 या 9 मार्च, कब है महाशिवरात्रि? यहां जानें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। साथ ही कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त मंदिरों में शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। वहीं कुछ लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं। हालांकि इस वर्ष महाशिवरात्रि व्रत के तिथि को लेकर लोगों के मन में संशय की स्थिति है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा महाशिवरात्रि व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त कब है…

महाशिवरात्रि 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 08 मार्च रात में 09 बजकर 47 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन 09 मार्च शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना निशिता काल में की जाती है, इसलिए महाशिवरात्रि व्रत इस साल 08 मार्च 2024, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त
8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है। इसके अलावा चार प्रहर का मुहूर्त इस प्रकार है-

महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37

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  • निशिता काल मुहूर्त – रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक (9 मार्च 2024)
  • व्रत पारण समय – सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक (9 मार्च 2024)

महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें पूजा

  • 08 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले प्रातः काल उठें और स्नान आदि करके पूरी श्रद्धा के साथ शिवजी के आगे व्रत का संकल्प लें।
  • फिर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें।  
  • सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • साथ ही केसर मिश्रित जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि के लिए दीपक जलाएं।
  • इसके अलावा चंदन का तिलक लगाएं।
  • बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है, इसलिए तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं।
  • आखिर में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद बांटें।

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