अंबाला/चंडीगढ़ @ कानोड़ न्यूज । हरियाणा के अंबाला से भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया का देर रात निधन हो गया है। वो चंडीगढ़ पीजीआई में पिछले कई दिनों से दाखिल थे। आज उनका पार्थिव देर पंचकूला आवास पर रखवाया जाएगा और उसके बाद मनीमाजरा में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कौन थे रतन लाल कटारिया ?
रतन लाल कटारिया हरियाणा भाजपा के सक्रिय नेता के रुप में जाने जाते थे। रतन लाल कटारिया का जन्म 19 दिसंबर 1951 को हरियाणा के यमुनानगर जिले के संधाली गांव में हुआ था। रतनलाल कटारिया के पिता श्री ज्योति राम, माता स्व: श्रीमती परिवार देवी थे। उनकी पत्नी की नाम बंतो कटारिया है और उनके तीन बच्चे हैं। फिलहाल वो हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से सांसद थे।
रतन लाल कटारिया की पढाई
शिक्षा: B.A (H), M.A. in Pol. Science and LL.B. from Kurukshetra University
राजनीतिक इतिहास
50 वर्षों से आरएसएस के स्वयंसेवक है व् हरिजन कल्याण निगम के अध्यक्ष और गुरु रविदास सभा के अध्यक्ष रह चुके है l वह 1999 में 13वीं लोकसभा और फिर 2014 में 16वीं लोकसभा और 2019 में 17वीं लोकसभा के दौरान अंबाला लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने।
मई 2019 में केंद्रीय जल शक्ति व् सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री भारत सरकार रहे l
2000 से 2003 तक भारतीय जनता पार्टी, हरियाणा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और अक्टूबर 2000 में पार्टी की अपनी पत्रिका भजपा की बात शुरू की।
1987 में रादौर विधानसभा से विधायक रहे l रिवेन्यू मिनिस्टर हरियाणा सरकार रहे l 1996 चेयरमैन वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन रहे l
13 वर्ष की आयु में बाल कलाकार के रूप में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी से सम्मानित हुए l
इस वजह से मिला था टिकट
अपने लंबे राजनीतिक तजुर्बे और बेदाग छवि के चलते रतन लाल कटारियों को पार्टी ने टिकट दिया था. अंबाला छावनी से विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और कटारिया के बीच में दूरियां भी रहीं, लेकिन अब जीतने के लिए सभी नेता एक मंच पर आ चुके हैं. राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी, शहर विधायक असीम गोयल, जिलाध्यक्ष जगमोहनकुमार कटारिया के नजदीकी रहे हैं. यही कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिल में भी कटारिया ने जगह बना रखी है.
1980 में बने भाजयुमो उपाध्यक्ष
रतन लाल कटारिया को 1980 में भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद वह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तक के सफर के बाद उन्हें जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. 1987-90 में प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन बने. जून 1997 से जून 1999 तक वह हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन रहे.
1999 में अंबाला से सांसद चुने गए
6 अक्टूबर 1999 को रतन लाल कटारिया अंबाला से सांसद निर्वाचित हुए थे. हालांकि इसी सीट से राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा से वह लगातार दो बार हार चुके हैं, लेकिन वर्ष 2014 के
चुनाव में उन्होंने जीत का रिकार्ड बनाया था. 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था.
एलएलबी कर चुके हैं कटारिया
यमुनानगर के गांव संधाली में 19 दिसंबर 1951 को जन्मे रतन लाल कटारिया अब पंचकूला के मनसा देवी कांप्लेक्स में रह रहे हैं. छावनी के एसडी कॉलेज से बीए ऑनर्स करने के बाद केयूके से राजनीति शास्त्र में एमए तथा फिर वहीं से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. कटारिया को राष्ट्र गीत गाने, कविताएं लिखने, शायरी करने और अच्छी पुस्तकों को पढ़ने का भी शौक है. पिता ज्योति राम और माता परिवारी देवी की संतान रतन लाल कटारिया के परिवार में उनकी पत्नी बंतो कटारिया के अलावा एक बेटा तथा दो बेटियां हैं.