पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कलकत्ता होईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पंचायत चुनाव में हो रही हिंसा को देखते हुए सीईसी को कुछ संवेदनशील जिलों में केंद्रीय बलों की नियुक्तियां का आदेश दिया था। पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने याचिका में कहा कि इस संबंध में हमें अभी अधिक जानकारी का इंतजार है।
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई कथित चुनावी गड़बड़ी और हिंसा को देश के लोकतंत्र का एक ‘काला अध्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि इन सबके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग का रवैया ‘उदासीन’ रहा, जो सबसे चिंताजनक है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को अपने संवैधानिक कर्तव्यों और राज्य निर्वाचन आयोग को अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने की भी नसीहत दी।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव नामांकन में गड़बड़ी और चुनावी हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस प्रशासन का बर्ताव देश की लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास का एक काला अध्याय है।” उन्होंने दावा किया कि पंचायत चुनाव पर तृणमूल कांग्रेस सरकार का पूर्ण नियंत्रण है और इसी से पता चलता है कि नामांकन के अंतिम दिन सत्ताधारी पार्टी के 40,000 से ज्यादा लोगों का नामांकन दाखिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हिंसा का तांडव हो रहा है और भाजपा कार्यकर्ताओं पर नृशंस हमले हो रहे हैं। इन सबके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग इन घटनाओं के प्रति उदासीन है, जो सबसे चिंताजनक है।”
NEWS SOURCE : punjabkesari