Ashadha Amavasya 2023 Date: सनातन हिंदू परंपरा के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या कहलाता है। इस दिन चंद्रमा, सूर्य मंडल में प्रवेश करता है और सूर्य अमा नाम की किरण में रहता है। इसलिए यह तिथि अमावस्या कहलाती है। यह भगवान शनि देव की जन्म तिथि भी है। ज्योतिष के अनुसार अमावस्या के दिन शादी, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। बता दें कि अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित है। इस दिन स्नान-दान करना, श्राद्ध-तर्पण करना ही शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की सही डेट, स्नाना-दान मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।
18 जून को है आषाढ़ अमावस्या
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून को सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 18 जून की सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी। चुकि अमावस्या पर सूर्योदय से पहले स्नान करना शुभ माना जाता है, इसलिए आषाढ़ अमावस्या 18 जून को ही मानी जाएगी। आषाढ़ अमावस्या पर स्नान का शुभ मुहूर्त 18 जून की सुबह 04.03 बजे से सुबह 04.43 बजे तक जबकि अभिजित मुहूर्त सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.50 तक रहेगा।
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
अमावस्या तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पितृगण वायु के रूप में सूर्यास्त तक घर के दरवाजे पर रहते हैं और अपने परिवार से तर्पण और श्राद्ध की इच्छा रखते हैं। इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर तर्पण करें और घर में ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दान दें। पितृ पूजा करने से आयु में वृद्धि और परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
NEWS SOURCE : livehindustan