सीधे-सीधे माने तो देश की आधी आबादी जो थाली खाती है वो क्वालिटी के लिहाज से ठीक नहीं है और यही वजह है कि ज्यादातर लोग ब्लोटिंग से परेशान है ऐसे लोगों का डायजेशन सुबह के वक्त तो ठीक रहता है। लेकिन दिन ढलने के साथ ही पेट में सूजन आ जाती है। देखिए गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर की ये जो परेशानी है उससे ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की तकरीबन 40 फीसदी आबादी जूझ रही है। अब सवाल ये है कि पेट की इन सब दिक्कतों के पीछे आखिर वजह क्या है तो सबसे पहली वजह है छोटी आंत में बैक्टीरिया की ग्रोथ। दूसरी वजह है कार्बोहाइड्रेट और फूड एलर्जी और तीसरी वजह है पेट के ऑर्गन्स का ठीक से काम ना करना यानि आंत और लिवर का कमजोर होना। अच्छा ऐसे में दवाइयां टेम्परेरी राहत तो देती हैं लेकिन परमानेंट इलाज तो योग के जरिए लाइफस्टाइल को ठीक कर ही किया जा सकता है।
और अब तो एम्स भी कहती है पेट पर जोर डालने वाले आसनों और प्राणायाम से डाइजेशन परफेक्ट किया जा सकता है। और ये बदलाव आपअपने जीवन में कैसे लाएं, ये बताने के लिए सीधे न्यूयॉर्क से योगगुरु जुड़ चुके हैं।
पेट का रखें ख्याल
सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं
एलोवेरा, आंवला गिलोय लें
बाजार की चीजें खाने से बचें
रात में हल्का खाना खाएं
पेट मजबूत, कब्ज दूर
पपीता
अनार
नाशपाती
अमरूद
कब्ज की छुट्टी
सौंफ-मिश्री चबाएं
जीरा-धनिया-सौंफ का पानी लें
भुना अदरक खाने के बाद खाएं
खत्म करें एसिडिटी
लौकी-तुलसी का जूस पीएं
बेल का जूस फायदेमंद
गैस होगी दूर, मिलेगा सुकून
अंकुरित मेथी खाएं
त्रिफला चूर्ण लें
अनार खाएं
आंत होगी मजबूत, बनेगी सेहत
गुलाब के पत्ते
सौंफ
इलायची
शहद
सबको मिलाकर पेस्ट बनाएं
रोजाना 1 चम्मच खाएं।