मणिपुर हिंसा के बीच पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 4 हथियार तस्करों को पकड़ा है। ये लोग पुलिस से हथियार और गोला बारूद चुराकर बेचते थे। इस बात की जानकारी इंफाल पूर्व के पुलिस अधीक्षक शिवकांत सिंह ने दी है।
शिवकांत ने बताया, ‘आज सुबह कैरांग अवांग लेइका और खोमिदोक के पास 4 हथियार तस्करों को पकड़ा गया। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे पुलिस से चुराए गए हथियार और गोला-बारूद बेच रहे थे। इस दौरान एक 9 मिमी कार्बाइन, एक .22 पिस्तौल, दो 5.56 मिमी इंसास मैगजीन, एक 303 एलएमजी मैगजीन, 21 संख्या में 7.62 मिमी गोला बारूद और 2.5 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं।
हालही में सीएम का आया था बयान
हालही में मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने हिंसा को लेकर कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर के इस राज्य में हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता जताई है। खबरों के अनुसार, अमित शाह इंफाल घाटी के बाहरी क्षेत्रों में हिंसा के बाद अब जिलों में नागरिकों के बीच अशांति फैलने को लेकर परेशान हैं। रविवार देर रात नई दिल्ली से लौटने के बाद इंफाल में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, ‘बाहरी क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक असंतोष तक, हिंसा की बदलती प्रकृति गृह मंत्री अमित शाह के लिए चिंता का विषय बन गई है।’
100 से ज्यादा लोगों की मौत
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं।
पूर्वोत्तर के इस राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है, जिसमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी के आसपास है और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
NEWS SOURCE : indiatv