बिल्कुल ठीक, लेकिन सिर्फ यंगस्टर्स ही नहीं बल्कि इस बीमारी से हर उम्र के लोगों को सावधान रहने की ज़रूरत है। खासतौर से सिटिंग जॉब्स वालों को क्योंकि लगातार बैठे रहने या एक ही पॉश्चर में देर तक काम करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है जिससे शुरुआत में तो सुन्नपन होता है और धीरे धीरे वैरिकोज़ की परेशानी हो जाती है।
दरअसल नसों में मौजूद वॉल्व ग्रेविटी के अगेंस्ट खून को हार्ट की तरफ धकेलते हैं लेकिन जब ये वॉल्व सही तरह से काम नहीं कर पाते तो खून उपर की तरफ पंप नहीं कर पाता और नीचे की तरफ इकट्ठा होकर नसों में भरने लगता है जिससे नसें फैल जाती है उनमें सूजन आ जाती है। मॉनसून में कभी उमस तो कभी बारिश की ठंडक नसों की इस बीमारी को और बढ़ा देती हैं, वैसे इस मौसम में फाइलेरिया के अटैक का भी डर रहता है। ये रोग मच्छर के काटने से होता है। शुरुआत में इसके लक्षण पकड़ में भी नहीं आते और जब तक पता चलता है तब तक मरीज़ ग्रेड-3 की स्टेज तक पहुंच चुका होता है। इसलिए इस बारिष में योग की ढाल बनाइए ताकि फाइलेरिया-वैरिकोज़ क्या। कोई भी बीमारी पास ना आए और ये योगिक ढाल बनाएं जानते हैं स्वामी रामदेव से।
वैरिकोज़ की वजह
घंटों बैठकर काम
लगातार खड़े रहना
बढ़ती उम्र
मोटापा
नो फिजि़कल एक्टिविटी
फैमिली हिस्ट्री
हार्मोनल चेंजेज
वैरिकोज की समस्या, खतरे में महिलाएं
हाइपर टेंशन गलत पॉश्चर
हाई हील्स खड़े रहकर काम
प्रेगनेंसी पेल्विक एरिया में फैट
वैरिकोज़ के लक्षण?
नीली नसें
नसों का गुच्छा
पैरों में सूजन
मसल्स में ऐंठन
स्किन पर अल्सर
वैरिकोज़ में रामबाण, घरेलू नुस्खे
एप्पल विनेगर से मसाज
जैतून के तेल से मालिश
बर्फ से नसों पर मसाज
वैरिकोज़ में कारगर
गिलोय
अश्वगंधा
गुग्गुल
गोखरू
पुनर्नवा
वैरिकोज़ वेन्स का इलाज
कपिंग थेरेपी
लीच थेरेपी
मिट्टी लेप
रश्मि चिकित्सा
वैरिकोज़ वेन्स से बचाव
वज़न कंट्रोल
कम नमक
कम चीनी
टाइट कपड़े ना पहने
वैरिकोज़ में कारगर
नसों पर लगाएं
अदरक पेस्ट
पिपली पेस्ट
जायफल पेस्ट
वैरिकोज़ में फायदेमंद
लौकी
नींबू
संतरा
छाछ-लस्सी
मिक्स दालें
वैरिकोज़ में कारगर, मिट्टी के लेप
मुल्तानी मिट्टी
एलोवेरा
हल्दी
कपूर
नीम
गुग्गुल
NEWS SOURCE : indiatv