दिल्ली पुलिस ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़-संभावित क्षेत्रों में दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर 207.55 मीटर तक बढ़ गया। इससे पहले 1978 में यमुना नदी का जलस्तर यहां रिकॉर्ड 207.49 मीटर तक पहुंचा था। CRPC की धारा 144 चार या उससे अधिक व्यक्तियों के गैर-कानूनी जमावड़े और समूहों में सार्वजनिक आवाजाही को प्रतिबंधित करती है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने एक परामर्श जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है और निचले इलाकों में आवाजाही न करने की चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि चूंकि यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, इसलिए लोगों को बिजली लाइन से दूर रहना चाहिए और किसी भी जरूरत की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर- 1077 पर संपर्क करना चाहिए। दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी बाढ़ की स्थिति और निवारक उपायों का जायजा लेने के लिए राहत शिविरों का दौरा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नदी के तटबंधों को मजबूत कर रही है और लोगों को बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाल रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, वजीराबाद में सिग्नेचर ब्रिज के पास गढ़ी मांडू गांव जलमग्न हो गया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और बाकी को नावों की मदद से बचाया जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 2013 के बाद पहली बार बुधवार सुबह चार बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया तथा दोपहर एक बजे तक यह बढ़कर 207.55 मीटर हो गया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।
NEWS SOURCE : punjabkesari