उज्जैन :विश्व प्रसिद्ध महाकाल की नगरी में कई ऐसे महादेव स्वरूप विराजमान है जिनकी अलग ही पहचान और मान्यताएं हैं. माना जाता है कि महाकाल की नगरी में कंकर में शंकर का वास होता है, ऐसे ही एक मंदिर रामेश्वर महादेव के नाम से भी प्रसिद्ध है. उज्जैन में माता हरसिद्धि मंदिर के पीछे विराजित रामेश्वर महादेव मंदिर, महाकाल मंदिर से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित है. दावा किया जाता है कि श्री रामेश्वर महादेव मंदिर देश का एक मात्र ऐसा शिवलिंग है, जो 160 डिग्री घूमता दिखाई देता है.
पंडित विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ला ने बताया कि इस रामेश्वर महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है. जैसे ही शुद्ध रूप से मंत्र उच्चारण होता है, यह160 डिग्री मे घूमता दिखाई देता है. मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना भगवान राम, लक्षमण और सीता ने की थी. इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से 12 शिवलिंगों के दर्शन का फल प्राप्त होता है. इस घूमते शिवलिंग को देखने और पूजन अर्चन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं. खासकर श्रावण माह में शिवलिंग का बड़ा महत्व है.
महाकाल वन में स्थित, इसलिए महत्ता
इस मंदिर का स्कंद पुराणों में भी उल्लेख है. अति प्राचीन शिवलिंग के दर्शन मात्र से 12 ज्योतिर्लिंगों के रूप में दर्शन होते हैं. क्योंकि सभी अलग- अलग दिशाओं में विराजित हैं. जब इस शिवलिंग को घुमाते हैं तो ये उन सभी ज्योतिर्लिंगों का रूप ले लेता है. इसकी महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि ये महाकाल वन में स्थित है. मान्यता है कि श्रावण माह में शिप्रा नदी में स्नान करने के बाद जल अर्पित करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है. पंडित विशाल लक्ष्मीकांत शुक्ला ने दावा किया कि भगवान राम वनवास के दौरान रामघाट पर अपने पिता दशरथ जी का तर्पण करने आए थे. इस दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी ने घूमते शिवलिंग की स्थापना की थी.