राष्ट्र मायने में बेटा-बेटी के अंतर को समाप्त किया जा सकता है: मंजू कौशिक

महेंद्रगढ़ । नारी शक्ति का सम्मान करने वाला परिवार समाज और राष्ट्र मायने में बेटा-बेटी के अंतर को समाप्त किया जा सकता है। यह संदेश महेंद्रगढ़ के गांव माजरा कलां में कन्या जन्म पर कुंआ पूजन करने वाले परिवार को सम्मानित करते हुए राज्य में कन्या जन्म पर लड़के के जन्म की तरह पर्व मनाने वाले परिवार को सम्मानित करने की प्रथा प्रारंभ करने वाली राष्ट्रपति अवॉर्डी मंजू कौशिक ने दिया।

गांव माजरा कलां में 22 अगस्त को जैसे ही निशा पत्नी मोहित ने एक कन्या को जन्म दिया तो उनके परिवार में खुशी की लहर छा गई। नवजात कन्या के परदादा नंदराम,बलबीर, कैप्टन सूबे सिंह दादी हैल्थ कोच अनिता ने ऐलान कर दिया कि नवजात कन्या का जन्म पर्व के रूप में मनाया जाएगा। तभी से दादा धर्मवीर मामा सचिन व नाना सुरेंद्र दुलोठ ने सभी पारंपरिक रीति रिवाजों का निर्वहन करते हुए सहभोज कर धूमधाम से कुंआ पूजन करवाकर समाज को लड़का लड़की में भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर नगरपालिका की उपप्रधान मंजू कौशिक ने परंपरा के अनुरूप नवजात कन्या के परिवार को सम्मान पत्र देकर सम्मानित करते हुए कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए महिलाओं के साथ साथ पुरुष समाज भी जागरूक होने लगा है।

सर्व समाज की जागरूकता से लिंगानुपात के भेदभाव को खत्म किए जाने के सार्थक परिणाम आने लगे है। नवजात कन्या के परदादा धर्मवीर ने भी सभी का आह्वान किया कि बेटी किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नही है,इसलिए हम मिलकर उनका सम्मान करें।

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