हरियाणा का अपना होगा राज्यगान, विधानसभा के विंटर सेशन में मिलेगी मंजूरी

  • हुक्का परोसने, कबूतरबाजी सहित 4 विधेयक होंगे पेश
चंडीगढ़हरियाणा का अपना राज्यगान होगा। आज से शुरू हो रहे विधानसभा के तीन दिवसीय विंटर सेशन में इसकी मंजूरी मिलेगी। इसके अलावा सेशन में 4 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें हुक्का परोसने, कबूतरबाजी जैसे विधेयक शामिल हैं। चूंकि सेशन चुनावी साल का है इसलिए विपक्षी दल राज्य के मुद्दों को लेकर सरकार को घरेने का प्रयास करेंगे। इस दौरान सत्ता पक्ष के जबाव से जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। विपक्षी दल राज्य में जहरीली शराब कांड, फसल मुआवजा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

सत्ता पक्ष की ओर से CM करेंगे सामना

सेशन में विपक्षी दलों के हमले का सामना मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद करेंगे। कल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास कुछ भी नहीं है। हम कमजोर नहीं हैं। हर सवाल का ठोस जवाब दिया जाएगा। इसको लेकर कल देर रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मंत्रणा कर विपक्ष के खिलाफ रणनीति बनाई। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने के लिए कल विधायक दल की मीटिंग में रणनीति बना चुकी है।

विधानसभा सचिवालय पहुंचे सिर्फ दो बिल

शीत सत्र के दौरान सरकार चार बिल पेश कर सकती है। इनमें होटल-रेस्टोरेंट में हुक्का बार परोसने वालों पर कड़ी कार्रवाई, मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, कबूतरबाजी पर शिकंजा और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल शामिल हैं। हालांकि गुरुवार तक विधानसभा सचिवालय के पास सिर्फ दो बिल पहुंचे थे। राज्य सरकार विधानसभा कार्यालय के पास 15 दिसंबर तक बिल भेज सकती है। ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि बाकी बिल आज विधानसभा सचिवालय पहुंच जाएंगे।

काम रोको प्रस्ताव की नहीं मिली मंजूरी

विधानसभा सत्र के दौरान कुल 60 तारांकित प्रश्न सत्र की कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे। वहीं, 156 अतारंकित प्रश्न पूछे गए हैं। 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व एक अल्पअवधि प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है। एक काम रोको प्रस्ताव भी विधानसभा सचिवालय के पास पहुंचा था। विधानसभा सचिवालय ने अभी तक सिर्फ दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

हुक्का परोसने पर 10 साल तक होगी कैद

हुक्का परोसने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बिल ला रही है। इसके तहत यदि होटल, बार और रेस्त्रां में हुक्का परोसा तो आरोपियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। गांव व चौपालों में पारंपरिक हुक्के को इसमें छूट दी गई है।

पैन, मोबाइल फोन, काला कपड़े की रहेगी रोक

दर्शक दीर्घा में पर्स, पैन, मोबाइल फोन, पानी की बोतल, बैल्ट, काले रंग का कपड़ा, कड़ा आदि कोई भी वस्तु लेकर जाने की मनाही होगी। इतना ही नहीं वहां किसी को खड़ा होने की भी अनुमति नहीं होगी। इसके लिए सुरक्षा प्रहरियों को विशेष रूप से नियुक्त किया जा रहा है। वहीं, सिविल सचिवालय से आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी उनके पहचान पत्र के आधार पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उन्हें विधान भवन आने के लिए विधान सभा सचिवालय की ओर से जारी प्रवेश पत्र दिखाना होगा। मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष और विधान सभा उपाध्यक्ष के अलावा किसी भी मंत्री या विधायक के साथ उनके सुरक्षा कर्मचारी विधान भवन में प्रवेश नहीं करेंगे। विधान भवन में पंजाब के साथ साझा सभी 7 रास्ते भी बंद किए जा रहे हैं।

शव लेकर नहीं कर सकेंगे प्रदर्शन

सत्र के दौरान मृत शरीर सम्मान विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके तहत शव के साथ प्रदर्शन करने वालों पर जुर्माना लगाने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद विरोध प्रदर्शन की स्थिति में शव के अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की होगी।

कबूतरबाजी पर कसेगा शिकंजा

पंजाब व चंडीगढ़ की तर्ज पर हरियाणा सरकार रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन आफ द ट्रैवेल एजेंसीज एक्ट का बिल सरकार ला रही है। इसके तहत हर ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस लेना पड़ेगा और रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा।

निजी विश्वविद्यालय पर सख्ती

शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी ला रही है। इसके तहत छात्रों को आरक्षण के तहत दाखिले व फीस में छूट नहीं देने पर सरकार शिकंजा कस सकेगी। विधेयक में यह भी शामिल किया गया कि नियमों के उल्लंघन पर दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा।

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